बेंगलुरु। कर्नाटक में अगले हफ्ते कभी भी राज्य की बीएस  येदियुरप्पा सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है। लेकिन राज्य सरकार उहापोह की स्थिति में है। क्योंकि कांग्रेस और जनता दल सेकुलर से बगावत कर कुमारस्वामी सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले विधायक अपने बलिदान की कीमत चाहते हैं। लिहाजा ये विधायक मुख्यमंत्री पर कैबिनेट में शामिल करने का दबाव बनाए हुए हैं। हालांकि येदियुरप्पा साफ कह चुके हैं कि जीतने वाले विधायकों को ही कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।

असल में राज्य में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार से 17 विधायकों ने समर्थन वापस लिया था। जबकि भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव में 13विधायकों को टिकट दिया था। इसमें से भाजपा 11 सीटों को जीतने में कामयाब रही। वहीं माना जा रहा था कि इस साल के शुरूआत में बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट का विस्तार करेंगे। लेकिन अभी  तक विस्तार नहीं हो सका है। लिहाजा राज्य सरकार पर कैबिनेट विस्तार के लिए जबरस्त दबाव है। उधर शुक्रवार शाम को दिल्ली में राज्य के सीएम येदियुरप्पा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और संभावित मंत्रियों के नाम बताए।

उन्होंने कहा कि आलाकमान ने उन्हें छह महीने पुराने मंत्रिमंडल के विस्तार की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को पूरा किया जाएगा। राज्य में 34 मंत्री बन सकते हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य मेंअगले तीन दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार करूंगा। गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में कांग्रेस और जदूएस के विधायकों ने राज्य की कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जिसके बाद राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो गया था।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद येदियुरप्पा को सीएम की शपथ दिलाई। वहीं राज्य में हुए उपचुनाव में भाजपा में शामिल हुए 13 विधायकों में से भाजपा 11 सीटों को जीतने में कामयाब रही।  हालांकि सीएम ने उपचुनाव  जीतने वाले विधायकों को मंत्री बनाने का वादा किया था। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में केवल 34 मुख्यमंत्री सहित मंत्री बन सकते हैं। अभी राज्य में 18 मंत्री हैं, जिनके पास एक से अधिक बड़े पोर्टफोलियो हैं।