सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर की सुनवाई तीन महीने के लिए टलने से संतों में खासी नाराजगी है। सरकार पर भी इसके लिए अध्यादेश अथवा कानून लाने का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून लाने की मांग तेज होती जा रही है। हिंदूवादी संगठनों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने आगामी शीत सत्र में राम मंदिर के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कही है। सिन्हा ने इस पर कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी को भी घेरा है। सिन्हा ने पूछा है, 'अगर मैं राम मंदिर के निर्माण के लिए राज्यसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाता हूं, तो क्या कांग्रेस उसका समर्थन करेगी?'
जो लोग @BJP4India @RSSorg को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे private member bill का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का .@RahulGandhi @yadavakhilesh @SitaramYechury @laluprasadrjd @ncbn
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
Will @RahulGandhi @SitaramYechury @laluprasadrjd Mayawati ji support Private member bill on Ayodhya? They frequently ask the date ‘तारीख़ नही बताएँगे ‘ to @RSSorg @BJP4India ,now onus on them to answer
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) November 1, 2018
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने के विकल्प के हिमायती हैं। एक बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा कि इस दिवाली पर वह राम मंदिर के लिए एक अच्छी खबर लेकर अयोध्या जाएंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर की सुनवाई तीन महीने के लिए टलने से संतों में खासी नाराजगी है। ऐसे में योगी उन्हें मनाने के लिए अयोध्या जा रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अयोध्या में राम मंदिर था, राम मंदिर है और राम मंदिर रहेगा। हम चाहते हैं कि सर्वसम्मति से इसका हल निकले, अन्यथा और भी विकल्प हैं।' उन्होंने लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से कहा, राम मंदिर देश व दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा मुद्दा है। साथ ही यह देश खासकर उत्तर प्रदेश के शांति, सौहार्द, विकास और कानून-व्यवस्था से जुड़ा मसला भी है। जैसा पिछले साल कहा था, वह अच्छी खबर लेकर ही अयोध्या जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने पर वह पहले ही कह चुके हैं, 'समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है। न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के सामान हो जाता है।'
सरकार पर संघ की ओर से भी दबाव बढ़ रहा है। संघ की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने बुधवार को कहा कि जैसे सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद खुद उसकी प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। उसी प्रकार सरकार को चाहिए कि वह मंदिर के लिए कानून बनाए और भूमि अधिग्रहित कर उसे राम मंदिर निर्माण के लिए सौंप दे। वैद्य ने कहा- ‘राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय सम्मान का मुद्दा है। अभी तक अयोध्या विवाद का निपटारा अदालत में नहीं हो पाया है।’
एक दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी मीडिया को दिए बयान में कहा था, 'राहुल गांधी अगर यह कहते हैं कि उनकी पार्टी राममंदिर पर आने वाले कानून का समर्थन करेगी तो उसके अगले ही दिन हमारी पार्टी इसके लिए बिल ले आएगी।'
Last Updated Nov 1, 2018, 1:45 PM IST