भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्हें स्वाइन फ्लू हो गया था और उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था. हालांकि माना जा रहा है कि शाह के स्वस्थ तौर पर घर पहुंचने के बाद उन्हें डाक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है. शाह के स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तैयारियां धीमी पड़ गयी थी, जिसमें अब तेजी आने की उम्मीद की जा रही है .शाह के स्वास्थ्य के लिए देशभर में भाजपा कार्यकर्ता प्रार्थना कर रहे थे. उधर शाह के साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता अरूण जेटली और रविशंकर प्रसाद भी अस्वस्थ चल रहे हैं.

एम्स के सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेता को सीने में जकड़न और सांस लेने में परेशानी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. शाह को डाक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है. शाह की जांच एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया की निगरानी में डॉक्टरों की एक टीम कर रही थी. पिछले दिनों उन्हें देखने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और दिल्ली से भाजपा सांसद महेश गिरी और मीनाक्षी लेखी भी अस्पताल पहुंची. ऐसा माना जा रहा था कि कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीमार होने का सबसे बड़ा असर पश्चिम बंगाल में आज से शुरू होने वाले पार्टी के अभियान पर पड़ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट से राज्य में रथयात्रा निकालने की मंजूरी नहीं मिलने के बाद बीजेपी की प्रदेश इकाई ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 5 रैलियां कराने की तैयारी में थी. इसके अलावा 8 फरवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जनसभा की योजना भी बनाई गई है. जिसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं ऐसे में अमित शाह के बिना बीजेपी की बंगाल इकाई के मनोबल पर इसका सीधा असर पड़ सकता है.इसके अलावा बीजेपी अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को जनता तक पहुचाने के लिए अगले चार दिनों में देश के 70 अलग-अलग जगहों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की योजना बनाई थी।

इन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह का संदेश आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है.इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ सांसदों को शामिल होना है. इसके साथ ही वे लगातार विभिन्न राज्यों में शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं, पन्ना प्रमुखों के साथ सम्मेलन भी कर रहे थे. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि पार्टी के इन कार्यक्रमों पर उनके बीमार होने का असर पड़ सकता है.