भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति ने रविवार को छत्तीसगढ़ के लिए छह उम्मीदवार के नाम को ऐलान किया है। पार्टी की इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके पुत्र का भी नाम शामिल नहीं है। भाजपा ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि इस चुनाव में मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति ने रविवार को छत्तीसगढ़ के लिए छह उम्मीदवार के नाम को ऐलान किया है। पार्टी की इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके पुत्र का भी नाम शामिल नहीं है। भाजपा ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि इस चुनाव में मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
राज्य में भाजपा को मिली हार का खामियाजा अब पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को उठाना पड़ा है। भाजपा ने रविवार को जो छह प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है। उसमें उसने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट नहीं दिया है। इस लिस्ट में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का नाम नहीं है। इसके साथ ही इस लिस्ट में रमन सिंह का भी नाम नहीं है। केंद्रीय चुनाव समिति ने राज्य के प्रतिष्ठित सीट राजनांदगांव से संतोष पांडेय को चुनाव मैदान में उतारा है। पांडेय राष्ट्रीय स्वयं संघ से जुड़े हैं। वह राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। वहीं पार्टी ने रायपुर लोकसभा सीट से सात बार के सांसद रहे रमेश बैस का भी टिकट काटकर प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील सोनी को उम्मीदवार बनाया है। सोनी रायपुर नगर निगम के महापौर तथा रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे हैं। वहीं पार्टी ने बिलासपुर लोकसभा से लखनलाल साहू का टिकट काटकर अरुण साव को उम्मीदवार बनाया है। अरुण साव पेशे से अधिवक्ता हैं और वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद आलाकमान ने ये फैसला किया है। पार्टी राज्य में नए चेहरों को उतारेगी। राज्य में पार्टी के 10 सांसद हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य की जनता सांसदों को लेकर नाराज है और वह पिछली भाजपा सरकार से भी नाराज थी। लिहाजा उसे विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली। लिहाजा भाजपा नए चेहरों को उतारकर फिर से राज्य की सभी सीटें जीतना चाहती हैं। अब भाजपा ने एक बड़ा निर्णय करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी 10 मौजूदा सांसदों की जगह नये चेहरों को उतारने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 68 सीटें जीती थी। राज्य में 15 साल शासन कर चुकी भाजपा को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि सांसदों के परिवार से भी किसी को टिकट न दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे का टिकट कटेगा। हालांकि राज्य में राज्य के नेताओं ने विधानसभा चुनाव में हार के लिए रमन सिंह को ही जिम्मेदार बताया।
Last Updated Mar 25, 2019, 10:15 AM IST