टीएमसी के दो और सीपीएम के एक विधायक ने बदला है पाला। इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों के भाजपा में शामिल होने का तीन नगर निगमों में सीधा असर पड़ेगा। 

बंगाल में बड़ी राजनीतिक शक्ति बनती जा रही भाजपा ने लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी  सरकार को पहले झटका दे दिया है। बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी के दो विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा 50 नगरनिगम पार्षदों ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। खास बात यह है वाम दल का एक विधायक भी भगवा पार्टी में आ गया है। 

दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में ये सभी लोग प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल राय की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान विजयवर्गीय ने तंज सकते हुए कहा, 'हम चाहते हैं कि बंगाल में चुनाव 2021 में ही हों। लेकिन चीजें जितनी तेजी से चल रही हैं, हम कुछ नहीं कर सकते।'

भाजपा में शामिल होने वाले तीन विधायकों में कभी ममता के खास कहे जाने वाले मुकुल राय के बेटे शुभ्रांशु राय, तुषारकांति भट्टाचार्यजी और देवेंद्र राय शामिल हैं। देवेंद्र राय सीपीआईएम के विधायक हैं। शेष दो टीएमसी से हैं। 

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उधर, इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों के भाजपा में शामिल होने का तीन नगर निगमों में सीधा असर पड़ेगा। भाजपा ने इसे स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। मुकुल राय ने कहा, 'इतनी बड़ी संख्या में पार्षदों के भाजपा में आने के बाद कचरापाड़ा, हलीशहर और नईहाटी नगर निगम एक तरह से पार्टी के पास आ गया है।'

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इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'जिस तरह बंगाल में चुनाव साथ चरणों में हुए, लोगों के टीएमसी छोड़ने की प्रक्रिया भी सात चरणों में होगी। आज इसका पहला चरण है।'