मुंबई। देश के दस राज्यों से भी ज्यादा का बजट वाली मुंबई नगर महापालिका के लिए भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। भाजपा ने दो साल बाद होने चुनाव के लिए बीएमसी में भाजपा की कमान उत्तर भारतीय को सौंपी है। इसे भाजपा का बड़ा दांव माना जा रहा है। क्योंकि बीएमसी में उत्तर भारतीय अहम भूमिका निभाते हैं। भाजपा ने आजमगढ़ जिले के निवासी और भाजपा नेता विनोद मिश्र को बीएमसी में पार्षद दल का नेता चुना है। बीएमसी के इतिहास में पहली बार भाजपा ने किसी उत्तर भारतीय को इसकी कमान सौंपी है।

भाजपा ने बीएमसी में अपना दबदबा बनाने के लिए उत्तर प्रदेश मूल के विनोद मिश्रा को पार्षद दल का नेता नियुक्त किया है। मिश्रा को राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फणडवीस का खास माना जाता है। मिश्रा उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के लालगंज तहसील के ग्राम भटकारी के मूल निवासी है। इसके साथ ही वह मुंबई प्रदेश भाजपा के मंत्री भी हैं। मिश्रा को मुंबई में उत्तर भारतीयों का चेहरा माना जाता है। खासतौर से मुंबई की राजनीति में वह काफी ताकतवर माने जाते हैं।

मिश्रा दि मालाड सहकारी बैंक लि. के चेयरमैन भी हैं। कहा जा रहा है कि 2022 में बीएमसी के होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने ये दांव खेला है। ताकि राज्य की सत्ताधारी शिवसेना का दबदबा बीएमसी  में खत्म किया जा सके। फिलहाल बीएमसी में शिवसेना का दबदबा है। वहीं भाजपा बीएमसी में दूसरे नंबर का दल है। मिश्र ने साल 2017 के बीएमसी चुनाव में मालाड के वार्ड क्रमांक 43 कुरार विलेज से चुनाव जीता था। 

भाजपा ने बीएमसी में संतुलन बनाने के लिए विनोद मिश्रा के साथ ही प्रभाकर शिंदे को विपक्ष का नेता, उज्वला मोडक एवं रीता मकवाना को उपनेता चयनित किया है। इसके जरिए भाजपा ने उत्तर भारतीयों के साथ ही महाठियों को भी साधा है। गौरतलब है कि बीएमसी का बजट देश के करीब 10 राज्यों से भी ज्यादा है और ये एशिया के सबसे अमीर नगर निगम है। वर्तमान में बीएमसी में 227 पार्षद हैं। इसमें 96 शिवसेना और 83 भाजपा के हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के 29, एनसीपी के 8, सपा के 6, एमआईएम के 2 और मनसे के 1 सदस्य सहित छह निर्दलीय पार्षद हैं। जबकि दो पार्षद फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में निलंबित हैं।