लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ों को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। जहां राज्य में विपक्षी दल ब्राह्मणों को साधने की कोशिश में लगे हैं वहीं भाजपा ने पिछड़ों को साधने की कोशिश की है और राज्यसभा की खाली सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में जय प्रकाश निषाद को बनाया राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। इस उपचुनाव में भाजपा की जीत तय है। वहीं राज्य में भाजपा की नजर आगामी विधानसभा चुनाव पर है और भाजपा राज्य की 40 फीसदी वोट को पूरी तरह से अपनी तरफ लाने की जुगत में है और इसकी तैयारी से कर दी है।


भाजपा  ने राज्य में पिछली दलों को मात देने के लिए पार्टी के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष जय प्रकाश निषाद को यूपी में राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। इसे भाजपा की पिछड़ी जाति के लोगों को रिझाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा ने राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए जय प्रकाश निषाद को उम्मीदवार घोषित किया। यह उपचुनाव आगामी 24 अगस्त को होना है और कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा ब्राह्मण वर्ग को खुश करने के लिए किसी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को टिकट दे सकती है। लेकिन पार्टी ने ओबीसी वर्ग को लुभाने के लिए निषाद को टिकट दिया।

जयप्रकाश निषाद गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं और उन्हें सीएम योगी ने पार्टी में शामिल किया था अब वह यूपी के कद्दावर राजनेताओं में माने जा रहे हैं। भाजपा ने निषाद को राज्यसभा भेजने का फैसला पिछड़ी जातियों को रिझाने  के लिए किया है। फिलहाल निषाद के प्रत्याशी बनाने जाने के बाद यूपी में इस सीट को लगाए जा रहे कयास खत्म होंगे और राज्यसभा में भाजपा और ज्यादा मजबूत होगी और वहीं सपा राज्यसभा में कमजोर होगी। असल में ये सीट समाजवादी पार्टी के सांसद बेनी प्रसाद वर्मा के निधन से खाली हुई थी। निषाद कभी बहुजन समाज पार्टी के विधायक रह चुके हैं और कुछ समय पहले ही उन्होंने भाजपा का दामन थामा था।वह भाजपा के उत्तर प्रदेश इकाई में उपाध्यक्ष हैं और उनका कार्यक्षेत्र गोरखपुर है।

सीएम योगी के करीबी माने जाते हैं निषाद
जय प्रकाश निषाद यूपी में भापजा केक्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं और वह गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं। सीएम योगी ने जयप्रकाश निषाद को पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था।  वह सीएम योगी के करीबी नेताओं में से एक हैं।