कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने अपने संगठन का पुनर्गठन किया है। वहीं नई कार्यकारिणी में सांसद और टीएमसी और सीपीएम से आए नेताओं को जगह दी गई है।  वहीं पिछले दिनों से पार्टी की लाइन से हटकर बयान दे रहे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार को कार्यकारिणी से बाहर किया है।

राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपनी कार्यकारिणी में बदलाव कर जता दिया है कि वह अभी से राज्य में विधानसभा की तैयारियों के लिए उतर गई है। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नगर निगमों के चुनाव होने हैं। हालांकि चुनाव को अप्रैल में होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव टाल दिए गए हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि नगर निगम चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और सत्ताधारी टीएमसी के लिए लिटमस टेस्ट होंगे।

पार्टी ने कार्यकारिणी में महिलाओं और युवाओं को शामिल किया है। पिछले साल तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों से आए नेताओं को भी कार्यकारिणी में जगह दी गई है। वहीं बैरकपुर से भाजपा सांसद और पूर्व टीएमसी नेता अर्जुन सिंह को पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया। वहीं पार्टी में 11 नए उपाध्यक्ष के पद पर बांकुरा सीट से भाजपा सांसद सुभास सरकार और पूर्व माकपा नेता मफुजा खातून को शामिल किया हैं। इसके साथ ही पार्टी सचिव रितेश तिवारी और पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को भी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

वहीं पार्टी ने महिला मोर्चा के वरिष्ठ नेता और हुगली सांसद लॉकेट चटर्जी और फैशन डिजाइनर अग्निमित्र पॉल को भी उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके साथ ही पार्टी ने बिष्णुपुर के सांसद सौमित्र खान को युवा मोर्चा का प्रभारी और मालदा (उत्तर) के सांसद खगेन मुर्मू को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही पिछले साल ही भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस विधायक दुलाल बारको पार्टी का अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रभारी बनाया गया था। इसके अलावा पार्टी ने सांसद ज्योतिर्मय महतो, लॉकेट चटर्जी,सायतन बसु, संजय सिंह और रतिंद्रनाथ बसु को महासचिवों नियुक्त किया है।