भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आज प्रयागराज जाएंगे और कुंभ में स्नान कर संतों से आर्शीवाद लेंगे। अमित शाह के आगमन पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के ज्यादातर मंत्री वहां पहुंच गए हैं। अमित शाह का आगामी लोकसभा चुनाव से पहले संतों से मिलना काफी अहम माना जा रहा है।

असल में राम मंदिर के मुद्दे पर संत समाज भाजपा से नाराज चल रहा है। हालांकि कुंभ की धर्म संसद ने भाजपा को और छह महीने का समय दे दिया। लेकिन संत समाज भाजपा से कोई ठोस वादा चाहता है। ताकि देश में फिर से भाजपा की सरकार बन जाने के बाद अयोध्या में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सके। लिहाजा संतों की नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज प्रयागराज में चल रहे कुंभ में स्नान करेंगे और संतों से मिलेगे, ताकि संतों की नाराजगी राम मंदिर को लेकर दूर की जा सके। अभी तक अमित शाह कुंभ नहीं गए हैं। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पहले कुंभ जा चुके हैं और योगी सरकार कुंभ में कैबिनेट बैठक भी कर चुकी है।

प्रयागराज के कुंभ में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद भी हुई थी। लेकिन इसमें कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला। जबकि यहां पर आए संतों ने भाजपा पर राम मंदिर को लेकर राजनीति करने का आरोप भी लगाया। अब अमित शाह कुंभ में जाकर संतों की नाराजगी को दूर करना चाहते हैं। कुंभ में प्रदेश की योगी सरकार कैबिनेट बैठक भी कर चुकी है। जिसके कारण संतों सरकार की तारीफ तो की। लेकिन राममंदिर को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया। धर्म संसद में राम मंदिर के निर्माण के लिए भाजपा को और छह महीने का समय दिया गया। हालांकि कई संत इसके खिलाफ थे।

धर्म संसद में पहले ही दिन राम मंदिर निर्माण लेकर तिथि बताने का दबाव संतों ने विहिप पर बनाया। असल में अमित शाह के कुंभ जाने के पीछे एक और मकसद बताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के करीबी संत शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के अयोध्या कूच करने के ऐलान से भाजपा और संघ चिंतित हैं। वहीं ये भी खबर है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी कुंभ में जा सकती हैं। लेकिन अभी तक दोनों नेताओं ने कुंभ में स्नान नहीं किया है। वहीं अमित शाह आज सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के साथ ही संतों के साथ संगम स्नान करेंगे। साथ ही लोकसभा चुनाव के पहले अखाड़ों और संतों की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे।