जब वामपंथी विचार रखने वाले और मी टू के आरोपी पत्रकार विनोद दुआ अपने एजेंडे को थोपने के लिए वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का इंटरव्यू तोड़ मरोड़कर छाप रहे थे। जिसके लिए दुआ को गंभीर आलोचना का शिकार होना पड़ रहा था। ऐसी हालत में उनके तारणहार बनकर आए संघ और बीजेपी से जुड़े वरिष्ठ नेता शेषाद्रिचारी। 
खास बात यह है कि शेषाद्रिचारी आरएसएस के यह वरिष्ठ स्वयंसेवक और वर्तमान में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहते हुए अपनी ही सरकार को बदनाम करने की कोशिश करने वाले विनोद दुआ के समर्थन में उतर आए हैं। 

शेषाद्रिचारी ने दागी पत्रकार विनोद दुआ और उनकी मामूली पहचान वाली न्यूज वेबसाईट एचडब्लू न्यूज को आरोपों से पूरी तरह बरी कर दिया। 

एचडब्लू न्यूज पर मैनेजिंग एडिटर सुजीत नायर से बात करते हुए शेषाद्रिचारी ने दुआ पर लगे फेक न्यूज के आरोप को खारिज कर दिया। 

शेषाद्रिचारी ने कहा ‘मैं एच डब्लू न्यूज को पिछले बारह महीनों से जानता हूं। यह एक मध्यम मार्ग अपनाने वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है। इसका कोई राजनीतिक झुकाव नहीं है और ना ही कोई राजनीतिक एजेन्डा। और मैं अपने पत्रकारिता के लंबे अनुभव के आधार पर जानता हूं कि मात्र देखने के नजरिए के आधार पर चीजें बदल जाती हैं। यह एक ऐसा ही मामला है। मैं ऐसा कतई नहीं मानता कि आप किसी को बदनाम करने की मंशा रखते हैं।’

शेषाद्रिचारी ने आगे कहा ‘खास तौर पर इस मामले में मैं बिल्कुल आश्वस्त हूं कि विनोद दुआ किसी तरह की गलत मंशा नहीं रखते थे। मुझे लगता है कि उन्होंने जो भी कहा या किया वह उसी आधार पर था जो जानकारी उन्हें हासिल हुई। इसलिए मुझे लगता है कि विनोद दुआ की नीयत बुरी नहीं थी। मुझे लगता है कि गडकरी का इंटरव्यू जबरदस्त था और अब हमें इस एपिसोड को भूल जाना चाहिए। इसे किनारे रखकर हमें अपना काम करना चाहिए। ’

हालांकि नायर ने बाद में सुधार करते हुए कहा कि हमने इस इंटरव्यू को हटा दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी ऐसा करने की कोई नीयत नहीं थी। विनोद दुआ ने हमारे लिए एक शो किया था। हमनें उन्हें सिर्फ प्रोमो की क्लिप भेजी। 

प्रोमो की क्लिप वास्तविक इंटरव्यू से बिल्कुल अलग थी। यहां हम सबकी गलती थी। लेकिन क्या यह जानबूझकर किया गया था? बिल्कुल नहीं। यह एक गलती थी। विनोद दुआ किसी तरह का प्रोपगैंडा नहीं कर रहे थे। उन्होंने वही किया जो उनसे कहा गया था। 

विनोद दुआ का किया हुआ गडकरी का इंटरव्यू 21 दिसंबर को एयर किया गया था। विनोद दुआ ने अपने ब्लॉग पर इस वीडियो का सातवां एपिसोड जारी किया था। जिसका शीर्षक था ‘विनोद दुआ शो’ जहां गडकरी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ विद्रोह किया था।