लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के मौके पर बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लेने के बाद कांग्रेस विधायक अदिति सिंह चर्चा में है। अदिति सिंह ने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर सत्र में हिस्सा लिया और भाषण भी दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अदिति की तारीफ भी की। लेकिन अब भाजपा को अदिति सिंह में मिशन रायबरेली दिख रहा है। जिसके जरिए वह गांधी परिवार  के इस गढ़ को ढहाने रणनीति तैयार कर रही है।

असल में इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस के एक गढ़ अमेठी पर कब्जा कर लिया है। लेकिन अब भाजपा की नजर गांधी परिवार के दूसरे गढ़ माने जाने वाले रायबरेली पर है। हालांकि इस बार भाजपा ने कांग्रेस को  बढ़ा झटका दिया था। कांग्रेस और दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले दिनेश सिंह और उनके परिवार को भाजपा ने पार्टी में शामिल करा कर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था।

यही नहीं लोकसभा चुनाव में इस बार सोनिया गांधी की जीत का मार्जिन भी कम हो गया है। लेकिन अब भाजपा को रायबरेली में अदिति सिंह वो मोहरा नजर आ रही है जो कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगा सकती है। अदिति सिंह को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है और वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भी करीबी हैं। अदिति के पिता अखिलेश सिंह पांच बार रायबरेली से विधायक रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा कांग्रेस के गढ़ अमेठी में लोकसभा चुनाव में सेंध लगा चुकी है।

अदिति सिंह दो अक्टूबर को प्रियंका गांधी की पदयात्रा में न जाकर विधानसभा के विशेष सत्र में पहुंची। इसके जरिए अदिति ने कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश की है कि भविष्य में उनकी राहें कांग्रेस से जुदा हो सकती हैं। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि विधानसभा के सत्र के बाद अदिति सिंह की योगी आदित्यानाथ के साथ मुलाकात भी हुई है। लिहाजा अगर आने वाले दिनों में अदिति सिंह भाजपा में शामिल होती हैं तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। वहीं सीएम योगी से मुलाकात के बाद अदिति सिंह को राज्य सरकार ने वाई कैटिगरी की सुरक्षा भी दे दी है।