भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बड़ी कामयाबी मिली है। राज्य में भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना से चुनावी गठबंधन किया है। इस गठबंधन में भाजपा 25 सीटों पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि राज्य में शिवसेना भाजपा से ज्यादा सीटें मांग रही थी। लेकिन आखिरकार उसे भाजपा की शर्तों को मानना ही पड़ा है।

अब ये तय हो गया है कि राज्य में भाजपा और शिवसेना लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। दोनों दलों के अध्यक्षों ने आज इस सहमति पर अपनी मुहर लगायी। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 25 सीटें तो शिवसेना के खाते में 23 सीटें आई हैं। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए बड़ी खुशखबरी है। क्योंकि शिवसेना काफी समय से भाजपा से नाराज चल रही है और उसने भाजपा के खिलाफ महाराष्ट्र के साथ ही यूपी में भी मोर्चा खोला हुआ है।

शिवसेना यूपी में राम मंदिर के मुद्दे पर काफी सक्रिय है और पिछले साल नवंबर में शिवसेना ने अयोध्या में बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर भाजपा को मुश्किलों में खड़ा कर दिया था। इसके साथ ही शिवसेना ने चुनाव से पहले राज्य में कई और कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया था। लेकिन अब महाराष्ट्र में चुनावी गठबंधन हो जाने के बाद शिवसेना के तेवरों में नरमी आएगी।
लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर बंटवारे के बाद विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर लड़ेंगी। दोनों दलों के गठबंधन के मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मौजूद थे और इसका ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर हमारे और शिवसेना के विचार एक हैं। भाजपा और शिवसेना पिछले 25 साल से साथ हैं। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, लेकिन बाद में दोनों ने मिलकर सरकार बनाई। भाजपा और शिवसेना सैद्धांतिक रूप से हिंदूवादी पार्टियां हैं। इस गठबंधन पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि दोनों पार्टियां राज्य में क्लीन स्वीप करेंगी।