इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम प्रयाग और अयोध्या करने के बाद योगी सरकार अब राज्य के एक और जिले का नाम बदलने की दिशा में काम कर रही है। योगी सरकार अब सुल्तानपुर का नाम बदलने पर विचार कर रही है। इस जिले का नाम भगवान राम के पुत्र कुश के नाम पर रखा जा सकता है। लिहाजा अब सुल्तानपुर का नाम बदलने पर राजनीति शुरू हो गयी है।

असल में भाजपा का तर्क है कि खिलजी वंश ने इस शहर का नाम बदला था। जबकि पहले इसका कुश भावनपुर था। इसके अलावा कुशपुर या कुशावटी के नाम पर था। लेकिन खिलजी वंश ने इस नाम को बदलकर सुल्तानपुर रख दिया था। राज्य के लम्भुआ से पहली बार चुनाव जीत कर आए भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने सुल्तानपुर के नाम को बदलने का प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया। भाजपा विधायक ने सुल्तानपुर का नाम भगवान राम के पुत्र पर रखने का प्रस्ताव पेश किया है।

इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज के पूर्व अधिकारी रहे विधायक देवमणि द्विवेदी का कहना है कि उनके पास सुल्तानपुर के नाम को बदलने के ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं। उनके मुताबिक शहर पहले कुश भावनपुर के नाम से जाना जाता था और इसके साथ ही इस शहर को कुशपुर और कुशावटी के नाम से भी जाना जाता था। नाम बदलने के पीछे द्विवेदी के तर्क हैं कि कवि कालिदास की महाकाव्य रघुवंश, इतिहासविद एलेग्जेंडर कन्निघम और सुल्तानपुर के राजपत्र के रिकॉर्ड के मुताबिक भी शहर का नाम कुश भावनपुर था।

लेकिन अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल के दौरान इसका नाम बदलकर सुल्तानपुर कर दिया गया। अगर सुल्तानपुर का नाम योगी सरकार बदलती है तो ये शहर राज्य का चौथा शहर हो जाएगा। इससे पहले इलाहाबाद और फ़ैजाबाद का नाम प्रयागराज और अयोध्या किया गया है। जबकि भाजपा के संस्थापक के नाम पर मुगलसराय जंक्शन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया है। हालांकि सुल्तानपुर का नाम बदलने की राजनीति शुरू हो गयी है। सपा और बसपा नाम बदलने पर सहमत नहीं हैं। ये संघ का एजेंडा है और इसी एजेंडे के तहत शहरों का नाम बदला जा रहा है।