नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी सदन में बहुमत साबित करने के लिए सभी तरह की तैयारी में है। एनसीपी में फूट डालने के बाद हालांकि भाजपा ने एनसीपी के बागी गुट के मुखिया अजित पवार के साथ सरकार तो बना ली है। लेकिन भाजपा की असल परीक्षा 30 नवंबर को सदन में होगी। जहां उसे सदन में बहुमत के लिए 145 विधायकों की जरूरत होगी। लिहाजा बहुमत को जुटाने के लिए भाजपा ने ऑपरेशन लोटस का फैसला किया है और इसके लिए पार्टी ने कई नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। 

राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी भाजपा के ऑपरेशन लोटस से डरी हुई हैं। असल में भाजपा ने एनसीपी के अजित पवार को अपने पाले में कर विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। क्योंकि अजित पवार एनसीपी के संसदीय दल के नेता हैं। जिसके कारण आज सुप्रीम कोर्ट में उसका पक्ष मजबूत दिखा। हालांकि अभी तक एनसीपी ने अजित पवार के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की  है। क्योंकि पार्टी को डर है कि इससे संवैधानिक तौर पर खतरा हो सकता है। हालांकि एनसीपी ने अजित पवार को संसदीय दल के नेता के पद से हटाया है। लेकिन पार्टी स अलग नहीं किया है।

लेकिन भाजपा ने 30 नवंबर को बहुमत साबित करने के लिए सभी हथकड़े अपनाने का फैसला किया है। इसके लिए भाजपा ने राज्य में ऑपरेशन लोटस को शुरू करने का फैसला किया है और इसका जिम्मा शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस से आए नेताओं को सौंपा है। खासतौर से नारायण राणे समेत कई नेताओं को इसके लिए लगाया गया है। कर्नाटक में ऑपरेशन लोटस की सफलता के बाद भाजपा को लग रहा है कि वह महाराष्ट्र में भी इसी फार्मूले के जरिए राज्य में सरकार को बना सकती है। जानकारी के मुताबिक भाजपा ने पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं को एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस के विधायकों को साधने की जिम्मेदारी सौंपी है।

महाराष्ट्र में भाजपा को विधानसभा में 30 नवंबर को अपना बहुमत साबित करना है। पार्टी ने शिवसेना की तरफ से महाराष्ट्र में सीएम रह चुके नारायण राणे के अलावा राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पाचपुते को भाजपा के लिए बहुमत जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी है। भाजपा के ऑपरेशन लोटस को देखते हुए कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने अपने विधायकों को अपने पाले में करने के लिए होटलों में ठहराने की फैसला किया है। एनसीपी ने अपने विधायकों को होटल हयात में तो शिवसेना ने भी विधायकों को सुरक्षित होटल में ठहराने का फैसला किया है।