नई दिल्ली। पिछले दो  साल में पांच राज्यों में सत्ता से बेदखल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी अपने शासित राज्यों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करेगी। माना जा रहा है कि राज्यों में प्रदेश सरकारों के मुखिया को बदला जा सकता है।हालांकि कुछ राज्यों में राज्य नेतृत्व को लेकर चल रही नाराजगी को देखते हुए भाजपा इन राज्यों में मुख्यमंत्रियों को बदल सकती है। वहीं राज्यों के उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों पर भी खराब प्रदर्शन के कारण गाज गिर सकती है।

भारतीय जनता पार्टी उसके वोट बैंक में लगातार आ रही गिरावट को लेकर काफी गंभीर है। लिहाजा वह अब राज्यों सरकार की नकेल कसने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा राज्य सरकारों के प्रदर्शन पर रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी। लिहाजा ऐसे में कुछ राज्यों में मुख्यमंत्री को भी बदला जा सकता है। क्योंकि पिछले दो साल में भाजपा पांच राज्यों को हार चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्रियों का अलोकप्रिय होना बताया जा रहा है।

वहीं लोकसभा की तुलना में विधानसभा चुनावों में भी पार्टी के वोट में गिरावट आई है। फिलहाल अभी भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और कहा जा रहा है कि चुनाव परिणाम के बाद पार्टी नेतृत्व राज्यों में फोकस करेगा और इसके बाद पैमाने पर खरा नहीं उतरने वाले सीएम, डिप्टी सीएम और वरिष्ठ मंत्रियों को हटाने का सिलसिला शुरू किया जाएगा। 

भाजपा  के गिरते प्रदर्शन को अब सीधे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देख रहे हैं। लिहाजा उनके आदेश के बाद अब भाजपा शासित राज्यों में केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा शुरू भी कर दी गई है। माना जा रहा है कि कई राज्यों ने केन्द्र की योजनाओं को कारगर तरीके से लागू नहीं किया है और इन राज्यों ने पीएम के सामने ओडीएफ के मामले में गलत आंकड़े भी पेश किए हैं। जबकि उनके राज्यों में स्वच्छता अभियान अभी तक सफल नहीं हो सके हैं। इसके लिए पार्टी के स्तर भी केन्द्रीय योजनाओं की गुप्त तौर से रिपोर्ट तैयार की गई है।

गौरतबल है कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश की सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। जबकि लोकसभा चुनाव में उसने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर अपने बलबूते सरकार बनाई थी। लेकिन लोकसभा के चुनाव के बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा था था। हालांकि हरियाणा में भाजपा सहयोगी दल के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही। लेकिन पार्टी नेतृत्व का मानना है कि राज्य सरकार के कमजोर नेतृत्व के कारण उसे इन राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है।