नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अगले महीने हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में दागी और बागी नेताओं को टिकट नहीं देगी। फिलहाल पार्टी राज्य में मुख्यमंत्री और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले एक दर्जन से ज्यादा विधायक और मंत्रियों का टिकट काटने पर विचार कर रही है।

राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 52 प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं। जबकि भाजपा अपनी रणनीति के तहत अन्य दलों से आने वाले नेताओं के लिए भी डेढ़ दर्जन सीटों को एक तरह से आरक्षित रख रही है। ताकि जीत की गारंटी पक्की हो सके। भाजपा उन सीटों पर फोकस कर रही है जहां वह कमजोर है और वहां पर दूसरे दल के प्रत्याशी भाजपा में आना चाहते हैं।

हालांकि अभी तक पार्टी ने किसी भी सीट के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। लेकिन राज्य में सीएम का चेहरा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ही होंगे। फिलहाल भाजपा को संघ की तरफ से जो फीडबैक दिया जा रहा है, उसके मुताबिक करीबी एक दर्जन विधायक और मंत्रियों का पत्ता कटने की बात कही जा रही है। वहीं संघ की तऱफ से भी आधा दर्जन सीटों पर वफादार कार्यकर्ताओं को टिकट के लिए नाम सुझाए गए हैं।

असल में पार्टी इस बार दागी और बागियों से बचने की कोशिश में हैं। ताकि टिकट दिए जाने का क्षेत्रीय स्तर पर विरोध न हो। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही राज्य के भाजपा विधायक रणधीर सिंह कापरीवास, उमेश अग्रवाल, मूलचंद शर्मा, बिमला चौधरी ने सीएम मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मोर्चा खोला था। हालांकि इससे खट्टर की कुर्सी को नुकसान नहीं पहुंचा था लेकिन अब इन विधायको से पार्टी दूरी बनाकर चल रही है।

पार्टी के जानकारों का कहना है कि ऐलनाबाद, डबवाली, रतिया, नलवा, जुलाना, दादरी, झज्जर, नूह, पुन्हाना, गन्नौर, नरवाना समेत कई सीटों पर पार्टी का अपना कोई मजबूत प्रत्याशी नहीं है। लिहाजा इन सीटों पर किसी बाहरी व्यक्ति को उतारा जाए। जो क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत हो। ऐसा माना जा रहा है कि आगामी 29 सितंबर को भाजपा चार दर्जन सीटों पर उम्मीदवार घोषित करेगी।