राज्य में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भले ही भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्त कर दिया है. लेकिन राज्य में उनके खिलाफ पार्टी में नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है. पार्टी नेताओं का आरोप है कि रमन के कारण ही पार्टी की राज्य में बुरी स्थिति हुई है और पार्टी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पद दे रही है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा में अंतर्कलह शुरू हो गया है. पार्टी में उपेक्षा,अपमान और कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोपों से तिलमिलाए नेताओं के इस्तीफे देने शुरू कर दिए हैं. राज्य की सत्ता पर पिछले 15 सालों से काबिज रमन सिंह के खिलाफ भी विरोध के सुर उठने लगे हैं. स्थानीय नेताओं का कहना है कि राज्य में पार्टी की बुरी स्थिति के लिए रमन सिंह ही जिम्मेदार हैं. हालांकि अब वो लोग भी बागवत में उतर आए हैं जो दो महीने पहले तक रमन सिंह के आगे पीछे घूमते थे. हार के बाद भाजपा के भीतर चल रही बयानबाजी के बीच शनिवार को पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई, ताकि उनकी बात सुनी जा सके मगर उल्टा हो गया. कार्यकर्ता परिसर में नारेबाजी करने लगे और नेताओं को खरी-खोटी सुनाने पर उतर आए.

पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया, जबकि अब बिलासपुर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संतोष पांडे ने कहा कि विधानसभा चुनाव में करारी हार रमन सिंह की वजह से हुई. इसके साथ ही पार्टी के बड़े पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं. आगे उन्होंने कहा कि पार्टी नीचे तक नहीं पहुंच सकी. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का कहना है कि ऐसे बयानों से पता चलता है कि लोगों के ज्ञान चक्षु खुलने लगे हैं और इस तरह के बयान आगे भी आते रहेंगे.

वहीं प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ शिवनारायण द्विवेदी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने भाजपा में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और कार्यकर्ताओं पर हार का ठीकरा फोड़ने वाले बयान से आहत होकर प्रदेश कार्य समिति सदस्य से इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों का घमंड पार्टी को चुनाव में ले डूबा. कुछ दिन पहले भी राज्य के दिग्गज नेता धरमलाल कौशिक ने भी सीधे तौर पर रमन सिंह सरकार को हार के लिए जिम्मेदार माना था.