कोलकाता | पश्चिम बंगाल के कई जिलों में रविवार को बीजेपी की बाइक रैली रोके जाने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। एक ओर जहां पुलिस ने प्रदेश में परीक्षाओं का हवाला देकर बाइक रैली पर रोक लगाई, वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे ममता बनर्जी सरकार की तानाशाही बताते हुए इसका जमकर विरोध भी किया। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई पुलिस की कार्रवाई में कई कार्यकर्ता घायल भी हुए।

पुलिस ने बताया कि स्कूल बोर्ड परीक्षाएं जारी रहने के दौरान जन रैलियों पर प्रतिबंध के कारण रैलियों के लिए अनुमति नहीं होने की वजह से उन्होंने मोटरसाइकिल रैली को रोका। भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच पश्चिम वर्द्धमान जिले में दुर्गापुर और आसनसोल, पश्चिम मिदनापुर में मिदनापुर शहर और गोआलतोर तथा दक्षिण दिनाजपुर में बालुरघाट में उस समय झड़पें हुई जब कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल रैलियां निकालीं।

पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए आसनसोल और गोआलतोर में लाठीचार्ज किया जिसमें दोनों तरफ के कुछ लोग घायल हो गए। पश्चिम मिदनापुर में सूत्रों ने बताया कि घायलों में डीएसपी स्तर का अधिकारी और चार अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक आधार गंवाने के डर से ‘विजय संकल्प’ रैलियां करने से पार्टी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस तथा प्रशासन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। 

‘विजय संकल्प’ मोटरसाइकिल रैली लोगों से संपर्क करने के लिए भाजपा के देशव्यापी चुनाव पूर्व संपर्क अभियान का हिस्सा है। घोष ने कहा कि राज्य में यह नयी भाजपा है जो किसी भी तरह की धमकी से नहीं डरेगी। अगर तृणमूल कांग्रेस के नेता सोचते हैं कि वे बल प्रयोग करके भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं को डरा सकते हैं, तो वे गलत समझ रहे हैं।

घोष ने दुर्गापुर में कहा, ‘‘रैलियों में शामिल सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। अगर पुलिस हमें गिरफ्तार भी करेगी तब भी रैलियां होंगी।’’ कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एहतियाती कदम के तौर पर शहर के विभिन्न हिस्सों से 135 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 59 मोटरसाइकिलें जब्त की गईं।