नई दिल्ली— तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। "गुरुवार को पटना में एनआईए कोर्ट ने 19 जनवरी को बोधगया मंदिर परिसर और आस-पास आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने के लिए तीन आईआईडी लगाने वालों के खिलाफ ये आरोपपत्र दायर किया गया है। तब आईआईडी विस्फोट भी  हुआ था और बरामद भी हुए थे" यह बात एनाईए की तरफ से कही गई है।

मंदिर में कम तीव्रता विस्फोट हुआ था जब दलाई लामा अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ मंदिर जा रहे थे। उसी दिन, सूचना प्राप्त हुई कि कालचक्र मैदान के पास जेनरेटर सेट के नीचे कुछ संदिग्ध वस्तुएं पड़ी हुई हैं। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी  कर तलाशी अभियान चलाया जिसमें दो जिंदा आईआईडी विस्फोटक बरामद हुए। चार्जशीट आईपीसी की और यूएपीए अधिनियम के तहत दायर की गई है।

एनआईए ने दावा किया है कि ''आरोपी रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे जो हमले की योजना बनाने का मुख्य कारण था। आरोपी जहिदुल इस्लाम और मुस्तफिजुर रहमान ने अन्य सहयोगियों के साथ आईआईडी लगाने और बौद्ध धर्म के प्रतीकों पर विस्फोट करने के लिए भारत में आतंकवादी घटनाएं करने के लिए षड्यंत्र रचा ताकि रोहिंग्या मुसलमानों के साथ म्यांमार सरकार के खिलाफ लड़ने में एकजुटता दिखाई दे सके। इसके लिए उन्होंने भारत में आम लोगों की जान और माल को नुकसान पहुंचाने का रास्ता चुना"।

आरोपी आपस में कई जगह मिले, बिहार के जहानाबाद और मसौढ़ी में छुपे। बोधगया में जगहों की टोह ली और विस्फोटक बनाने के लिए सामग्रियों की खरीद की। अन्य आरोपियों के साथ मिलकर जहिदुल इस्लाम ने 3 आईआईडी और दो हथगोले बनाए। एनआईए ने बताया कि "दलाई लामा के दौरे के दौरान आदिल शेख और आरिफ हुसैन नाम के आरोपियों ने 19 जनवरी 2018 को बोधगया में निर्दोष लोगों की जान लेने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए आईआईडी प्लांट किया"।