अरबों रुपए के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावीद ने दिया है। धोखाधड़ी की साजिश और धनशोधन के अपराध के आरोपों में गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के आदेश दिए। 

असल में लंदन की वेस्ट¨मस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 दिसम्बर 2018 को कहा था कि 63 साल के कारोबारी माल्या को भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना होगा। उस वक्त भारत सरकार ने माल्या को भारत लाने की तैयारी पूरी कर ली थी और ईडी के अफसर लंदन भी जा चुके थे। माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने के फैसले के बाद अब उसके पास अब ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपील की अनुमति के लिए अर्जी देने के लिए 14 दिनों का वक्त है। 

हालांकि माल्या ने कोर्ट के फैसले के बाद अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लिए अर्जी दाखिल करने की बाद की थी। लेकिन अभी तक उसने उच्च अदालत में किसी भी तरह की कोई अपील नहीं की है। इसके बाद ब्रिटेन के गृहमंत्री ने प्रत्यर्पण के आदेश पर दस्खत किए। अब माल्या के महज 14 दिन बचे हैं, जिससे वह भारत आने से बचने के लिए उच्च अदालत में अपील कर सकता है। हालांकि इसे भारत सरकार की बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि अभी तक गृहमंत्री ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे।

अगर माल्या को जल्द वापस भारत लाया जाता है। तो ये मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी माना जाएगी। जानकारी के मुताबिक प्रत्यर्पण संधि की प्रक्रियाओं के तहत चीफ मजिस्ट्रेट का फैसला गृह मंत्री जावीद को भेजा गया था, क्योंकि वहां पर गृहमंत्री प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं।