भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके बीएस येदियुरप्पा ने आज चौथी बार मुख्यमंत्री के पद की शपथ। हालांकि आज उन्होंने अकेले शपथ ली। ऐसा माना जा रहा है कि येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद अपने मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे।

राज्य में कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार मंगलवार को गिर गयी थी। विधानसभा में बहुमत न होने के कारण एचडी कुमारस्वामी सदन में बहुमत साबित नहीं कर सके। लेकिन इसके बाद राज्य में भाजपा का सरकार बनना तय माना जा रहा था।

इसी बीच येदियुरप्पा ने दिल्ली में भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा की। भाजपा भी यहां पर सरकार बनाना चाहती है। लेकिन संकट विधायकों को लेकर है। क्योंकि अभी तक विधानसभा अध्यक्ष ने 15 विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किए और न ही इन पर अपना कोई फैसला सुनाया है।

आज सुबह येदियुरप्पा ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके लिए उन्होंने आज शाम का समय दिया। आज शपथ लेने से पहले नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने बेंगलुरू के कडु मल्लेश्वर मंदिर जाकर मत्था टेंका। उसके बाद अपने समर्थकों के साथ सीधे राजभवन पहुंचे। आज येदियुरप्पा ने अकेले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली। क्योंकि पार्टी की रणनीति के तहत वह पहले विधानसभा में बहुमत हासिल करेंगे और फिर उसके बाद अन्य नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर शपथ दिलाएंगे। भाजपा इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

क्योंकि 14 महीने पहले राज्य में भाजपा को ही सबसे बड़े दल के तौर पर सरकार बनाने का न्यौता मिला था, लेकिन भाजपा सदन में बहुमत साबित करने में विफल रही। गौरतलब है कि राज्य में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने बेंगलुरू में संघ के कार्यालय में जाकर नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।