बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस से पल्ला झाड़ लिया है। वह राहुल या सोनिया से नाराज नहीं है। बल्कि उनकी नाराजगी एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता से है। जिसके उपर मायावती ने बीजेपी का एजेन्ट होने का आरोप लगाया है। 

भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से साफ इनकार कर दिया। मायावती ने कहा कि दोनों राज्यों में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। मायावती कांग्रेस से काफी नाराज हैं। उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा। मायावती ने कहा कि सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे। मगर दिग्विजय सिंह इस गठबंधन के खिलाफ थे। 

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मायावती ने कहा, कांग्रेस का यह नेता जो भाजपा का एजेंट है वह टीवी पर बसपा का नाम लेकर कहता है कि मायावती केंद्र सरकार के दबाव में गठबंधन नहीं करना चाहती। यह पूरी तरह से झूठ है। हकीकत यह है कि कांग्रेस गठबंधन की आड़ में बसपा को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों और मुस्लिमों के दम पर आजादी के बाद देश और कई राज्यों में एकछत्र राज किया, लेकिन उसके भाजपा की तरह ही इन वर्गों के प्रति अपनी जातिवादी और सांप्रदायिक सोच होने के चलते उनका भला नहीं किया।

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मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। किसी भी कीमत पर हमारा कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा से ज्यादा गैर-भाजपा दलों को कमजोर करने की कोशिश में लगी रहती है। 

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मायावती ने कहा कि कांग्रेस डरी हुई है और यह सच है। यही वजह है कि वह मुस्लिमों को टिकट देने से भी कतरा रही है। हम हमेशा से भाजपा को सत्ता से बाहर रखना चाहते हैं, यही वजह है कि हमने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन किया। अब राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुझे लगता है कि कांग्रेस का इरादा भाजपा को हराने की नहीं है, बल्कि वह उनके साथ दोस्ती रखने वाली पार्टियों को ही नुकसान पहुंचाना चाहती है।