कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी सरकार पर संकट के बादल मंडराए हुए हैं। हालांकि कल रात उनके लिए एक अच्छी खबर आयी, जब मायावती ने ये ऐलान किया किया कि राज्य में बीएसपी का एकमात्र विधायक कुमारस्वामी सरकार को समर्थन देगा। लेकिन दिलचस्प ये है कि बीएसपी का एकमात्र विधायक राज्य से गायब है। मायावती ने विधायक को खोजने के लिए अपने बड़े नेताओं को बेंगलुरू भेजा है। लेकिन एन महेश का कोई पता नहीं है। हालांकि चर्चा ये है कि वह भाजपा के खेमे में चले गए हैं और विधानसभा में विश्वासमत के दौरान गायब रह सकते हैं।

असल में कल दोपहर में एन.महेश ने मीडिया को जानकारी दी थी कि मायावती के कहने पर वह शुक्रवार को सदन में मौजूद नहीं थे। राज्य में विधानसभा चुनाव बीएसपी और जेडीएस ने मिलकर लड़ा था। हालांकि इसमें बीएसपी महज एक सीट जीतने में कामयाब रही।

लेकिन कुमारस्वामी सरकार में एन महेश को राज्य का शिक्षा मंत्री बनाया गया।  कुछ महीनों के बाद महेश ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। हालांकि बताया ये जा रहा है कि वह कुमारस्वामी के हस्तक्षेप से वह नाराज चल रहे थे। हालांकि राज्य में हुए लोकसभा चुनाव में जेडीएस ने बीएसपी के साथ चुनावी करार नहीं किया।

लिहाजा बीएसपी राज्य में अकेले चुनाव लड़ी और उसे एक भी सीट नहीं मिली। हालांकि अब एन महेश के गायब होने से कुमारस्वामी सरकार के साथ ही बीएसपी की मुश्किलें बढ़ी हैं। क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि कुमारस्वामी ने मायावती से बात की और फिर उसके बाद माया ने कुमारस्वामी सरकार को समर्थन का ऐलान किया। 

इस बीच एन महेश का गायब हो जाना दोनों के लिए बड़ा झटका है। हालांकि कल ही महेश ने दावा किया था कि वह मायावती के आदेश को मानते हुए वे अपने विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे। लेकिन सदन में उपस्थित रहने के लिए उन्होंने कुछ नहीं कहा।

फिलहाल बीएसपी विधायक एन महेश को खोजने के लिए मायावती ने राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ को कर्नाटक भेजा है। वहीं कर्नाटक में कांग्रेस के नेता और पार्टी के लिए संकटमोचक रहे डी शिवकुमार भी बीएसपी विधायक का पता लगाने में जुटे हैं।

यही नहीं बीएसपी ने इस काम के लिए अमरोहा से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली को भी लगाया है। क्योंकि दानिश कर्नाटक की राजनीति में लंबे अरसे से सक्रिय रहे हैं। एन महेश को राज्य में बीएसपी का सबसे ताकतवर और वफादार नेता माना जाता है। वह राज्य में बीएसपी की शुरूआत से ही रहे हैं।