कर्नाटक में सोमवार को होने वाले विश्वासमत में बहुजन समाज पार्टी का एकमात्र विधायक राज्य की कुमारस्वामी सरकार को समर्थन देगा। फिलहाल राज्य में बीएसपी का समर्थन मिलने से राज्य की कुमारस्वामी सरकार ने राहत की सांस ली है। हालांकि कल तक मायावती ने अपने विधायक को सदन में गैरमौजूद रहने का आदेश दिया था। जिसके बाद वह शुक्रवार को सदन से नदारद थे।

सोमवार को विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट होने वाला है। इससे पहले सरकार को थोड़ी राहत मिली है। क्योंकि बहुजन समाज पार्टी का एकमात्र विधायक कल सदन में मौजूद रहेगा और कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मतदान करेगा। इसका आदेश बीएसपी प्रमुख मायावती ने विधायक को दिया है।

हालांकि आज दोपहर में ही विधायक एन. महेश ने कहा था कि वह मायावती के कहने पर सदन से गैरमौजूद थे। फिलहाल लगता है कि कुमारस्वामी मायावती को मनाने में कामयाब रहे। क्योंकि 15 महीने पहले राज्य में हुए विधानसभा चुनाव बीसएपी और जेडीएस ने मिलकर लड़े थे।

लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन ने मायावती को अलग कर दिया था। राज्य में बीएसपी ने 14 महीने पहले बनी कुमारस्वामी सरकार को अपना समर्थन दिया था और उसका एक विधायक सरकार में मंत्री था। लेकिन बाद में विधायक ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया था।

क्योंकि उनका कहना था कि वह अपने क्षेत्र की जनता की मदद नहीं कर पा रहे हैं। आज बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने विधायक एन. महेश को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। फ्लोर टेस्ट सोमवार को होने वाला है।

इसके लिए सत्ताधारी कुमारस्वामी सरकार अपने विधायकों को एकजुट करने में लगी है वहीं बागी विधायकों को मनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। वहीं कुछ दिन पहले तक कुमारस्वामी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपील की है वह सोमवार को कुमारस्वामी सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दें। हालांकि कर्नाटक के राजनैतिक घटनाक्रम कांग्रेस ने शुक्रवार को फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस का कहना था कि बागी विधायकों पर व्हिप का आदेश लागू होना चाहिए।