वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र के कर्मियों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये की मासिक पेंशन मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) योजना शुरू करने की घोषणा की है। योजना के तहत सरकार के साथ-साथ कर्मियों से 100 रुपये प्रति माह का योगदान लिया जाएगा।

गोयल ने असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए पेंशन योजना के अलावा पांच साल से अधिक सेवा मुहैया कराने वाले कर्मियों के लिए कर रहित ग्रेच्युटी को मौजूदा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की घोषणा की। गोयल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा ‘हम आज प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा कर रहे हैं। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए 100 रुपये प्रति माह के योगदान पर 60 वर्ष की आयु के बाद 3000 रुपये मासिक पेंशन मुहैया कराई जाएगी।’

मंत्री ने सदन को सूचित किया कि योजना के तहत लाभ उठाने वाले असंगठित क्षेत्र के हर कर्मी के लिए सरकार भी 100 रुपये का योगदान मुहैया कराएगी जिससे आगामी पांच साल में 10 करोड़ कर्मियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘इस योजना से असंगठित क्षेत्र में 10 करोड़ कर्मियों को लाभ होगा। यह योजना आगामी पांच साल में असंगठित क्षेत्र के लिए विश्व की सबसे बड़ी पेंशन योजना बन सकती है।’ 

गोयल ने कहा कि असंगठित क्षेत्र में करीब 42 करोड़ कर्मी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहे हैं। मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया कि सरकार बजट में इस योजना के लिए शुरुआत में 500 करोड़ रुपये मुहैया करा रही है। इस योजना के तहत कर्मियों को 100 रुपये प्रति माह का योगदान देना होगा और सरकार भी इतनी ही राशि का योगदान देगी।

इस योजना में ऑटोरिक्शा चालक जैसे असंगठित क्षेत्र के उन सभी कर्मियों को लाभ होगा जिनकी आय 15,000 रुपये प्रति माह तक है।