यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी।
मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 करने का प्रस्ताव किया गया है। गोयल ने लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस प्रस्तवा से मध्यम वर्ग के तीन करोड़ करदाताओं को लाभ होगा। आयकर छूट की सीमा को दोगुना करने से सरकारी खजाने पर 18,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
यदि कोई करदाता किसी सरकार की विशेष कर बचत योजना में निवेश करता है तो उसके लिए प्रभावी कर मुक्त आय की सीमा एक साल में 6.5 लाख रुपये होगी। एनपीएस, चिकित्सा बीमा और आवास ऋण के ब्याज भुगतान को जोड़ने पर यह सीमा और बढ़ जाएगी। वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है। अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी।
* वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने साफ किया है कि आयकर के दूसरे और तीसरे स्लैब पर पूर्ण बजट के दौरान स्थिति साफ कर दी जाएगी।
पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए कहा, 'मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ घटाना हमेशा से हमारी प्राथमिकता रहा है।' गोयल ने कहा कि पिछले साल सभी इनकम टैक्स रिटर्न में से 99.54 फीसदी को तत्काल बिना किसी स्क्रूटनी के स्वीकार कर लिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स कलेक्शन बढ़ा है। दाखिल किए जाने वाले रिटर्न की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। हम राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में टैक्सपेयर्स के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहेंगे।
गोयल ने कहा है कि इन प्रस्तावित टैक्स सुधारों के बाद सालाना 5 लाख रुपये तक की आमदनी वाले इंडीविजुअल टैक्सपेयर्स को फुल टैक्स रीबेट मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति प्रोविडेंट फंड और निर्धारित पूंजी में निवेश करता है तो उसे 6.5 लाख रुपये तक की कुल आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। बहरहाल, बजट भाषण में यह नहीं बताया गया कि आखिर 5 लाख तक का इनकम टैक्स फ्री होने के बाद क्या 5 से 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर 20% टैक्स और 10 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30% टैक्स का मौजूदा स्लैब ही लागू रहेगा या इनमें कोई बदलाव होगा? अगर मौजूदा टैक्स स्लैब्स में से सिर्फ 5 लाख रुपये तक के स्लैब्स को हटा दिया जाए तो नया टैक्स स्लैब्स कुछ इस तरह होगा।
5 लाख तक की आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखने के फैसले के साथ ही संसद का माहौल भी पूरी तरह से बदल गया। देर तक भाजपा सांसद मेज थपथपाते रहे और वाह-वाह के नारे लगाते दिखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी काफी देर तक मेज थपथपाई। बीच में कुछ भाजपा सांसदों ने मोदी-मोदी के भी नारे लगाए।
टैक्स देनेवाले भारतीय नागरिकों का पहले पीयूष गोयल ने शुक्रिया अदा किया और मिडिल क्लास को देश की तरक्की का बहुत बड़ा भागीदार बताया। 'थैंक्यू टैक्सपेयर्स' की भूमिका के बाद वित्त मंत्री ने छूट का ऐलान किया।
Last Updated Feb 1, 2019, 2:36 PM IST