बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार जितेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी के परिजन अब खुलकर उनके समर्थन में आ गए हैं। जीतू के भाई धर्मेंद्र मलिक ने शनिवार को दावा किया कि उसका भाई निर्दोष है और पुलिस उसे फंसा रही है। सेना मामले की जांच तक उसे अपनी कस्टडी में रखे। धर्मेंद्र ने कहा है कि वह खुद भी सेना में हैं और तब तक अपनी वर्दी नहीं उतारेंगे, जब तक जीतू को न्याय नहीं मिलेगा। धर्मेंद इस समय पुणे में तैनात हैं। इससे पहले, जीतू की पत्नी ने दावा किया कि घटना के वक्त वह अपने पति के साथ स्थानीय बाजार में खरीदारी कर रही थी। 

धर्मेंद्र का दावा है कि पुलिस ने उसके भाई को बवाल में फर्जी फंसाया है। धर्मेंद्र ने सेना प्रमुख से मांग करते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती उसके भाई को सेना की कस्टडी में रखा जाए। अगर वह जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। शुक्रवार को जीतू फौजी की मां ने भी कहा था कि अगर उसका बेटा दोषी है तो वह उसे स्वयं सजा देगी। इसी बीच जीतू की पत्नी का दावा है कि हिंसा के दौरान उसके पति उसके साथ स्थानीय बाजार में सामान की खरीदारी कर रहे थे, क्योंकि उसी दिन उन्हें अपनी यूनिट में जम्मू लौटना था।

धर्मेंद्र ने मीडिया को एक वीडियो भी दिखाया है, जिसमें उसका भाई सफेद और काले रंग की हाफ जैकेट और अंदर टीशर्ट पहने हुए है। धर्मेंद्र ने कहा कि पुलिस जिस वीडियो के जरिए जीतू को कोतवाल की हत्या का आरोपित मान रही है, उसमें वह है ही नहीं। जिस वक्त पुलिस चौकी के पास हिंसा हुई थी उसका भाई ड्यूटी जॉइन करने के लिए कश्मीर के लिए निकल पड़ा था। धर्मेंद्र ने कहा कि जब तक उसके भाई को इंसाफ नहीं मिलता वह अपने शरीर से सेना की वर्दी नहीं उतारेगा। बुलंदशहर में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर और स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी।