यूपी के बुलंदशहर में पांच दिन पहले हुई हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या का आरोपी बताए जा रहे जीतू फौजी को यूपी एसटीएफ ने जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया है। जीतेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी ने शुक्रवार रात को ही सोपोर में अपनी यूनिट में उपस्थिति दर्ज कराई थी। बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान वह छुट्टी पर अपने घर गया था। फिलहाल सेना की तरफ से इस बारे में और कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है। यूपी एसटीएफ उसे बुलंदशहर ले आई है। यहां उससे घटना को लेकर पूछताछ की जाएगी। उधर, आरोपी फौजी का कहना है कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।

उधर, यूपी एसटीएफ के सोपोर आने की भनक जम्मू-कश्मीर पुलिस को नहीं लगी। राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'माय नेशन' को बताया कि यूपी पुलिस ने इस संबंध में कोई सूचना साझा नहीं की। चूंकि यह मामला सेना के जवान से जुड़ा था तो उसकी गिरफ्तारी का वारंट सीधे यूनिट के कमांडिंग ऑफीसर को सौंपा गया। इसके बाद सेना की यूनिट ने आरोपी जवान को पुलिस के हवाले कर दिया। हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है।

वहीं यूपी पुलिस का दावा है कि घटनास्थल पर मिले सबूत इस बात की तस्दीक करते हैं कि हिंसा के दौरान जीतू मलिक सुबोध सिंह के बहुत करीब खड़ा था और उसी दौरान इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या हुई। जीतू की घटनास्थल पर मौजूदगी की पुष्टि उसके रिश्तेदार भी कर रहे हैं। रिश्तेदारों का कहना है कि जीतू उस वक्त घटनास्थल पर ही मौजूद था और हत्या के बाद वह तुरंत अपनी यूनिट ज्वाइन करने के लिए जम्मू-कश्मीर  निकल गया था। इस मामले में फौजी का नाम आने के बाद घटना में नया मोड़ आ गया है। क्योंकि दो दिन पहले तक पुलिस बजरंग दल के नेता राहुल राज को ही इस हिंसा और सुबोध सिंह की हत्या का आरोपी मान रही थी।

उधर, सेना के सूत्रों के मुताबिक, आरोपी जीतेंद्र मलिक उर्फ फौजी की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने सेना के उत्तरी कमान से मदद मांगी थी और हमने इसके लिए उन्हें सहयोग दिया। आरोपी जीतू मलिक को यूपी एसटीएफ को सौंप दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, फौजी ने अपनी यूनिट के आला अफसरों का बताया कि वह भी एफआईआर कराने के लिए स्थानीय लोगों के साथ पुलिस स्टेशन गया था, लेकिन बवाल होते ही वह वहां से चला गया। उसने इस बात को भी खारिज किया है कि वह सुबोध सिंह के हत्या वाली जगह पर था। बुलंदशहर के स्याना स्थित चिंगरावटी में गोकशी के शक को लेकर भीड़ की हिंसा में थाना कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और सुमित नामक एक अन्य युवक की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने 27 लोगों को नामजद किया है और करीब 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

इस मामले में पुलिस गांव वालों के बयान के आधार पर यह दावा कर रही है। यूपी पुलिस के मेरठ जोन के आईजी राम कुमार के मुताबिक, जीतू फौजी ने ही कथित तौर पर सुबोध कुमार सिंह को गोली मारी। जीतू वहां महाव गांव का रहने वाला है। उससे पूछताछ के बाद ही हत्या में उसकी भूमिका स्पष्ट हो पाएगी। जल्द ही उससे जिला पुलिस और एसटीएफ पूछताछ करेगी और उसके बाद ही इस घटना से राज खुलेगा। इससे पहले, शुक्रवार को जीतू की मां ने कहा था कि अगर उनके बेटे ने पुलिस इंस्पेक्टर को गोली मारी है तो वह खुद उसकी जान ले लेंगी।  (लखनऊ से इनपुट के साथ)