New Election Commissioners: केरल के नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और पंजाब से सुखबीर संधू को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्त को चुनने के लिए चयन समिति की बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह जानकारी दी।

क्या कहते हैं अधीर रंजन चौधरी?

अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाली समिति में सरकार का बहुमत है। पहले मुझे 212 नाम दिए थे। पर ​नियुक्ति से 10 मिनट पहले एक बार फिर 6 नाम उपलब्ध कराए गए। उनका कहना है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की अपनाई गई प्रक्रिया में खामिया हैं। इसमें सीजेआई हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

सर्च कमेटी ने तैयार की उम्मीदवारों की लिस्ट

आपको बता दें कि इससे पहले कानून मंत्री की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने बुधवार शाम बैठक की थी और चुनाव आयुक्त के पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की। गुरुवार को चयन समिति की बैठक हुई। चयन समिति की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करेंगी और फिर इस संबंध में अधिसूचना जारी होगी। चुनाव आयोग में यह पहली नियुक्तियां होंगी, जो नए कानून के तहत होंगी।

इस वजह से रिक्त हुए चुनाव आयुक्त के 2 पर 

बीते 14 फरवरी को चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे रिटायर हो गए। 8 मार्च को अचानक चुनाव आयुक्त अरूण गोयल ने इस्तीफा दे दिया। तुरंत ही उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया गया। इस वजह से आयोग में चुनाव आयुक्तों के पद रिक्त हो गए। 

पहले कैसे होती थी चुनाव आयुक्त की नियुक्ति?

पूर्व के समय में चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की सिफारिश सरकार द्वारा की जाती थी। राष्ट्रपति उनकी नियुक्ति करते थे। सबसे वरिष्ठ नौकरशाह को चुनाव आयुक्त बनाया जाता था। हाल ही में नया कानून बना है। अब चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बनी कमेटी नामों की सिफारिश करती है और राष्ट्रपति द्वारा उनकी नियुक्ति की जाएगी।  

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