अभी हाल में इस इलाके के दौरे पर गए केंद्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) एंव रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने स्थानीय लोगों की मांग पर इस रेल लाइन परियोजना को लेकर आश्वासन दिया था। जिसे बुधवार आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने अपनी मंजूरी दे दी।
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने पूर्वांचल में एक नई रेल लाइन बनाने को मंजूरी दे दी है। यह नई रेल लाइन बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, उतरौली, डुमरियागंज, मेहदावल, बंसी होते हुए खलीलाबाद तक जाएगी। ब्रॉड गेज के तहत बनने लाइन की कुल लंबाई 240.26 किलोमीटर होगी।
इस रेल लाइन को बनाने में 4939.78 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह नई रेल परियोजना 2024-25 तक पूरी हो जाएगी। इस रेल लाइन के बन जाने रोजगार के लिए तरसते इस पिछड़े इस इलाके में लगभग 57.67 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि अभी हाल में इस इलाके के दौरे पर गए केंद्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) एंव रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने स्थानिय लोगों की मांग पर इस रेल लाइन परियोजना को लेकर आश्वासन दिया था। जिसे आज आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति अपनी मंजूरी दे दी।
नई लाइन बनने के इस इलाके में औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचा और मजबूत होगा। ब्रॉड गेज रेल लाइन बनने से क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस रेल लाइन के बन जाने से बहराइच-खलीलाबाद जाने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी मिलेगा और नेपाल सीमा पर स्थित यह जिले एक दूसरे से जुड़ जाएंगे।
नई रेल लाइन बनने से इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि जिन इलाको से होकर यह रेल लाइन गुजरेगी उसमें गौतम बुद्ध का निर्वाण स्थल श्रावस्ती पड़ता है। जहां पर लाखों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक आते है। इस लाइन के बन जाने से बलरामपुर शहर के नजदीक तुलसीपुर में प्रसिद्ध शक्ति पीठ देवी पाटन मंदिर है। यह मंदिर मां दुर्गा के प्रसिद्ध 51 शक्ति पीठों में से एक है।
यह परियोजना के पूरा होने के बाद इस रेल लाइन के तहत आने वाले क्षेत्र के लोगों को रेल सुविधा तो मिलेगी ही साथ ही क्षेत्र में लघु उद्योगों को विकसित करने में मदद करेगी। इस परियोजना की लंबाई में आने वाले चार जिलों अर्थात बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर नीति आयोग द्वारा चिन्हित किए उन 115 जिलों में शामिल हैं, जिनपर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। इसलिए, रेल नेटवर्क की मदद से इस क्षेत्र के निचले हिस्से के बेहतर सामाजिक आर्थिक विकास के लिए इस परियोजना की आवश्यकता बहुत समय से महसूस की जा रही थी।
Last Updated Oct 24, 2018, 6:18 PM IST