चंडीगढ़। हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कैबिनेट का विस्तार टल गया है। माना जा रहा है कि अगले एक दो दिन के भीतर राज्य में कैबिनेट विस्तार हो सकता है। क्योकिं जननायक जनता पार्टी के साथ साथ विभागों का मसला सुलझ गया है। वहीं निर्दलीयों को लेकर फैसला बाद में हो सकता है। हालांकि अमित शाह की मंजूरी मिलने के बाद इसके 13 नंवबर को होने की उम्मीद की जा रही थी।

महाराष्ट्र में एक तरफ भाजपा सरकार नहीं बना सकी। वहीं हरियाणा में कैबिनेट विस्तार पर ब्रेक लगा हुआ है। क्योंकि विभागों को लेकर जजपा और भाजपा में रजामंदी नहीं हो सकी। जजपा राज्य में अहम माने जाने वाले कृषि विभाग के लिए भाजपा पर दबाव बनाए हुए है। वहीं भाजपा भी इस विभाग को अपने पास रखना चाहती है। इसके साथ ही वित्त और राजस्व विभाग पर भी जजपा की नजर है। ताकि जनता से जुड़े विभागों को अपने पास रखकर वह जनता को लुभा सकती है और राज्य में राजनैतिक ताकत बढ़ा सकती है।

गौरतलब है कि राज्य में जजपा ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और 10 सीटें में कामयाब रही। जिसके बाद उसकी राजनैतिक ताकत बढ़ गई है और वह अच्छे विभागों के जरिए राज्य में स्थापित करना चाहती है। लेकिन दोनों दलों के बीच निर्दलीयों को भी विभाग देने के लेकर पेंच फंसा रहा है। राज्य के छह निर्दलीय विधायक पहले से ही भाजपा को समर्थन दे रहे हैं। इसमें से पांच विधायक तो भाजपा के बागी विधायक हैं। जिन्होंने टिकट न मिलने के कारण भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीतने में कामयाब रहे। लेकिन इन्हें विभाग देने को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है।

निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत, बलराज कुंडू, रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर, सोमवीर सांगवान शामिल हैं। हालांकि भाजपा अन्य निर्दलीय विधायकों संसदीय सचिव या फिर अन्य पदों पर नियुक्त कर खुश करने की कोशिश कर रही हैं। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 27 अक्तूबर को दीवाली वाले दिन शपथ ली थी, लेकिन अब तक वह कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाए हैं। जबकि तीन दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा कैबिनेट को अंतिम मंजूरी दे दी थी।