पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव आयोग से अपनी करीबी अफसरों को हटाने जाने के बाद नाराजगी के बाद अब एक अन्य कांग्रेस राज्य के मुख्यमंत्री अपने करीबी अफसर को बदलने जाने को लेकर नाराज हो गए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने करीबी अफसर विजय प्रताप सिंह को हटाए जाने के बाद अब चुनाव आयोग से मिलेंगे।

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह अब अपने करीबी आईपीएस अफसर कुंवर विजय प्रताप को लेकर चुनाव आयोग से मिलेंगे। असल में चुनाव आयोग ने सिंह को उनके पद से हटा दिया है क्योंकि उन पर सीएम के करीबी अफसर होने का आरोप है। लेकिन चुनाव आयोग द्वारा उन्हें पद से हटाए जाने के बाद सीएम अमरिंदर सिंह ने चुनाव से मिलने का फैसला किया है। अमरिंदर ने आरोप लगाया है कि अकाली-बीजेपी दबाव की वजह से चुनाव आयोग ने उन्हें हटाया है और इसके लिए आयोग ने एकतरफा फैसला किया है।  

क्योंकि क्योंकि विजय प्रताप सिंह आने बादल पिता-पुत्र के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने वाले थे। वर्तमान में विजय प्रताप सिंह पंजाब पुलिस की एसआईटी के आईजी के पद पर हैं। अमरिंदर ने कुंवर प्रताप को एसआईटी के आईजी पद पर फिर से नियुक्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर आयोग उन्हें फिर से इसी पद पर बहाल नहीं करता है तो वह चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।

असल में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों की जांच के लिए पंजाब पुलिस की एसआईटी बनाई थी। सिंह से पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी अपने करीबी अफसरों के तबादले को लेकर नाराजगी जता चुकी हैं और उन्होंने इसके लिए सीधे तौर पर केन्द्र सरकार को जिम्मेदार बताया था। उनका कहना था कि चुनाव आयोग केन्द्र सरकार के दबाव में कार्य कर रहा है।