आखिरकार पंजाब के मुख्यमत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सिद्धू ने पिछले हफ्ते ही अपना इस्तीफा कैप्टन को भेजा था। जिसे उन्होंने पढ़कर स्वीकार करने की बात कही थी। लेकिन कल स्थानीय निकाय विभाग की दो अहम फाइलें गायब हो जाने के बाद अब कैप्टन ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। हालांकि अब माना जा रहा है कि स्थानीय निकाय विभाग में हुए घोटालों के लिए चल रही विजिलेंस जांच में तेजी अब तेजी आएगी।

पिछले कई दिनों से कैप्टन और नवजोत की बीच चली आ रही अदावत और ज्यादा तेज होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि ऐसा भी माना जा रहा है कि स्थानीय निकाय की चल रही विजिलेंस की जांच में भी तेजी आएगी। क्योंकि इसमें सीधे तौर पर सिद्धू की ओएसडी की भूमिका की जांच हो रही है।

हालांकि सिद्धू कैप्टन के कैबिनेट से बाहर तो हो गए हैं। लेकिन अपनी जुबानी जंग वह जारी रखेंगे। सिद्धू ने पिछले हफ्ते ही कैप्टन की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन कैप्टन ने उसे मंजूर नहीं किया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना इस्‍तीफा पंजाब के मुख्‍यमंत्री को भेजने की जानकारी ट्वीट के जरिए दी थी।

इससे पहले सिद्धू ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेजा था। लेकिन इसके बाद उनकी किरकिरी होने लगी थी। क्योंकि लोगों का कहना था कि अगर उन्हें इस्तीफा देना है तो वह कैप्टन को भेंजे। राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजने का कोई नियम नहीं है।

गौरतलब है कि कैप्टन ने लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस की हार का ठीकरा मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू पर फोड़ा था। जिसके बाद दोनों के बीच जबरदस्त बयानबाजी शुरू हो गयी थी। फिलहाल लंबी राजनीतिक उठा पटक के बाद पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू का मंत्रीपद से इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है। कैप्टन ने केंद्रीय आलाकमान से सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। यही नहीं लोकसभा चुनाव के बाद कैप्टन कैबिनेट की पहली बैठक में सिद्धू सहित कई मंत्रियों के विभाग बदल दिए थे। जिसके बाद वह कैप्टन से नाराज चल रहे थे और उन्होंने अपना नया विभाग का दाय़ित्व भी नहीं लिया था।