पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है। लेकिन मतदान के बीच मे ही कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच तल्खियां देखने को मिल रही हैं। लेकिन अब इन नेताओं के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू भी हो गया है। कल की कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई ये कहता है कि पंजाब में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह इस्तीफा देंगें तो वह भी उनके साथ बदसलूकी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर कैबिनेट से इस्तीफा देंगे।

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही लड़ाई जगजाहिर होने के बाद अब कैप्टन ने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कैप्टन ने साफ कहा कि सिद्धू बहुत ही महत्वाकांक्षी हैं और वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।

आज पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है। लेकिन मतदान के बीच मे ही कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच तल्खियां देखने को मिल रही हैं। लेकिन अब इन नेताओं के बीच आरोप और प्रत्यारोप का दौर शुरू भी हो गया है। कल की कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई ये कहता है कि पंजाब में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वह इस्तीफा देंगें तो वह भी उनके साथ बदसलूकी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर कैबिनेट से इस्तीफा देंगे।

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सिद्धू ने साफ कहा कि उनकी पत्नी झूठ नहीं बोलती है। जाहिर है पत्नी के आरोपों को सही बताकर सिद्धू ने कैप्टन को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। सिद्धू की पत्नी ने कहा था कि कैप्टन के इशारे पर उनका लोकसभा का टिकट काटा गया है।  आज सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवजोत सिद्धू के साथ मेरी कोई जुबानी जंग नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू महत्वाकांक्षी हैं,  और वह उन्हें बचपन से जानते हैं। उनके और मेरे बीच कोई मतभेद नहीं। अगर वो मुझे हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो ये उनकी इच्छा है।

लिहाजा समझा जा सकता है कि कैप्टन और सिद्धू की लड़ाई किस स्तर पर जा चुकी है। असल में पंजाब में कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर की लड़ाई नई नहीं है। राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू ने बीजेपी का दामन थाम छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। सिद्धू राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद चाहते थे। लेकिन कैप्टन के सामने उनकी एक नहीं चली और उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद ही संतुष्ट होना पड़ा था। इसके बाद उनकी पत्नी को टिकट न दिए जाने के बाद सिद्धू की कैप्टन के प्रति नाराजगी और ज्यादा बढ़ गयी। क्योंकि सिद्धू और पत्नी को लगता है कि उनका टिकट कैप्टन के दबाव में काटा गया है।