चंडीगढ़। पंजाब में कैप्टन सरकार का फैसला अब उसके ही गले की फांस बनता जा रहा है। राज्य सरकार ने राज्य के बाहर से लोगों को लाने की अनुमति दी और इस फैसले के कारण राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। राज्य में नांदेड़ से लाए गए श्रद्धालुओं के कारण राज्य में संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।  महज गुरुवार को ही राज्य में कोरोना के 170 मामले सामने आए हैं। वहीं अमृतसर में कोरोना के 76 मामले एक ही दिन में सामने आए हैं।

पंजाब में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। क्योंकि राज्य सरकार के एक फैसले के कारण संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है। पिछले दिनों पंजाब सरकार ने  राज्य  से बाहर फंसे लोगों को राज्य में लाने का फैसला किया था। जिसमें महाराष्ट्र के नांदेड़ में फंसे लोग भी शामिल हैं। इसके साथ ही राजस्थान के कोटा से भी छात्रों को लाया गया और राज्य के सीमावर्ती जिलों से प्रवासियों को राज्य में वापस लाया गया। हालांकि इन लोगों को क्वारंटिन किया गया है। लेकिन पंजाब सरकार की एक लापरवाही भरे फैसले ने राज्य को कोरोना का बड़ा केन्द्र बना दिया है। पंजाब सरकार ने पिछले दिनों 90 बसों को नांदेड़ भेजा था जहां से श्रद्धालुओं को लाया गया है।

जिसके बाद लाए गए इन 170 श्रद्धालुओं में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है और इसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 528 तक पहुंच गई है। जबकि अभी तक हजारों की टेस्ट रिपोर्ट आनी बाकी है। जानकारी के मुताबिक नांदेड़ से 35 सौ श्रद्धालु वापस लौटे हैं जबकि राजस्थान और अन्य राज्यों से 28 सौ लौटे हैं। जिनकी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने राज्य में कर्फ्यू लगाया और इस दौरान में कोरोना के कम मामले आ रहे थे। लेकिन पिछले दिनों कैप्टन सरकार ने प्रवासियों और  नांदेड़ से श्रद्धालुओं को लाने का फैसला किया। जिसके बाद राज्य में लगातार मामले बढ़ रहे हैं और अब पंजाब सरकार मुसीबत में है। हालांकि पंजाब सरकार ने राज्य में 18 मई तक कर्फ्यू को बढ़ा दिया है।