सीबीआई के निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सोमवार दोपहर सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल कर दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा।

शीर्ष अदालत ने सुबह आलोक वर्मा से कहा था कि वह सीवीसी की रिपोर्ट पर आज ही सीलबंद लिफाफे में अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने साथ ही स्पष्ट किया था कि इस मामले की सुनवाई के निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया जाएगा। 

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वर्मा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने जवाब दाखिल करने के लिए सोमवार की सुबह जब थोड़ा वक्त देने का अनुरोध किया तो न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई का कार्यक्रम स्थगित करने से इनकार कर दिया।

वर्मा के वकील गोपाल ने बताया, ‘हालांकि हमने न्यायालय से थोड़ा वक्त और देने का अनुरोध किया था। वर्मा का जवाब सीलबंद लिफाफे में कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को अपराह्न एक बजे सौंप दिया गया है।’  

शीर्ष अदालत ने 16 नवंबबर को सीबीआई निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर आलोक वर्मा को सीलबंद लिफाफे में सोमवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले, 16 नवंबर को कोर्ट ने कहा था कि सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ टिप्पणियां की हैं और वह कुछ आरोपों की आगे जांच करना चाहता है, जिसके लिए उसे और समय चाहिए।

कोर्ट ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के सभी अधिकार वापस लेने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले शुक्रवार को यह निर्देश दिया था।