हरियाणा में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के के घर पर आज सीबीआई ने छापा मारा है. सीबीआई ने छापा एक जमीन आवंटन के मामले को लेकर मारा है. इस कार्यवाही के दौरान हुड्डा घर पर ही थे. सीबीआई की इस कार्यवाही के बाद कांग्रेस और भाजपा में शब्दों के बाण शुरू हो गये हैं और दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं. 

जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक स्थित घर पर आज सीबीआई ने अपनी टीम के साथ छापा मारा. इसके साथ ही सीबीआई ने दिल्ली समेत एनसीआर के 30 जगहों पर छापेमारी की है. असल में ये छापेमारी जमीन आवंटन में किए गए घोटाले को लेकर की गयी है.

सीबीआई के राडार पर सिर्फ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही नहीं कई वरिष्ठ IAS अधिकारी भी हैं। सीबीआई की टीम ने IAS अधिकारी टी सी गुप्ता के आवास पर भी छापेमारी कर रही है। जो कि हरियाणा अरबन डेवलपमेन्ट अथॉरिटी यानी हुडा के पूर्व निदेशक है। आरोप है कि गुप्ता के कार्यकाल के दौरान ही घोटाले को अंजाम दिया गया था। आईएएस गुप्ता के आवास से कई महत्वपूर्ण जानकारी और दस्तावेज मिले हैं। सीबीआई की टीम छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सबूतों को जब्त कर रही है। इन सभी सबूतों को सीबीआई टीम बाद में खंगालेगी। सीबीआई की टीम दिल्ली -एनसीआर के साथ -साथ मोहाली , रोहतक , चंडीगढ़ के भी कई लोकेशन छापेमारी कर रही है। 

इस मामले के अलावा IAS गुप्ता के कार्यकाल के समय जो 15 कॉलोनियां बनाई गई थीं, वह भी सीबीआई के राडार पर है। इस मामले में जल्द ही और भी कई सरकारी और पूर्व सरकारी अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। 

इस छापेमारी के बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आज सुबह जब हुड्डा के घर पर छापे मारी की गयी थी तो उस वक्त हुड्डा अपने आवास में मौजूद थे. ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई की कार्रवाई अभी जारी है .हुड्डा के घर के अंदर या वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. सीबीआई की टीमें दिल्ली-एनसीआर में एक साथ 30 से अधिक जगहों पर छापे मार रही हैं.असल में सीबीआई ने 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में मारा है.सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ एक नया मामला भी दर्ज किया है.

इस मामले में सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और एजेएल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. सीबीआई ने छापा राज्यपाल नारायण आर्य द्वारा बहुचर्चित एजेएल मामले में हुड्डा के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी के मारा है. क्योंकि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री पर एजेएल को उसके अखबार नैशनल हेरल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है.इस मामले को 2016 में सीबीआई के सुपुर्द कर दिया था. क्योंकि कांग्रेस ने राज्य सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया था. क्योंकि इससे पहले भाजपा सरकार ने विजिलेंस विभाग को इसकी जांच सौंपी थी. ये मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री इसलिए निशाने पर आए क्योंकि मुख्यमंत्री प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
क्या है मामला...
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने ने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल किया था जबकि ये जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में आवंटित की गई थी.तब इस शर्म पर एजेएल की जमीन दी गयी थी कि वह छह महीने में इस पर निर्माण करेगी. लेकिन एजेएल ने ऐसा कुछ नहीं किया और उसके बाद इस जमीन को दस फीसदी धन काटकर जमा किया गया पैसा वापस कर दिया. लेकिन बाद में हुड्डा के मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़ी राहत उस समय मिल गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते तब के मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह जमीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया.