केन्द्र सरकार की नजर देश से फरार हुए 58 भगोड़ों पर है। इन्हें वापस लाने के लिए उचित कार्रवाई की जा रही है। यह जानकारी देश की संसद में दी गई।
केन्द्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि माल्या, नीरव,चोकसी, संदेसरा, ललित मोदी सहित विदेशी भगोड़े गुईडो हाश्चके और कार्लो गेरोसा जैसे 58 आर्थिक भगोड़ों पर सरकार की नजर है।
इन लोगों को देश में लाकर सजा दिलाने के लिए प्रत्यर्पण की मांग, इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस और और लुक आउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया है।
सरकार की जांच एजेन्सियां यानी प्रवर्तन निदेशालय(ईडी), सीबीआई, डीआरआई ने संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, बेल्जियम, मिस्र, अमेरिका और एंटीगुआ में इन सभी 58 आरोपियों का प्रत्यर्पण कराने के लिए याचिका डाल रखी है।
इस बारे में बुधवार को विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में विस्तार से बताया कि कैसे वीवीआईपी चॉपर घोटाले के बिचौलिए गुईडो हाश्चके और कार्लो गेरोसा को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए इटली को अक्तूबर में फिर से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया है।
इससे पहले सीबीआई ने नवंबर 2017 में गेरोसा के लिए और जनवरी 2018 में हाश्चके के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा था। जिसे कि इटली के अधिकारियों ने वापस भेज दिया था।
जांचकर्ताओं का कहना है कि हाश्चके और गेरोसा से पूछताछ करना वीवीआईपी चॉपर घोटाले से जुड़ी गुत्थियां सुलझाने के लिए बेहद जरुरी है।
हाल ही में सऊदी से क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण हुआ है। नीरव मोदी के बारे में विदेश मंत्रालय ने बताया कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी हो चुका है। ब्रिटेन को अगस्त में दो अलग-अलग प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए हैं।
इसके अलावा उसके भाई नीशल और नजदीकी सहयोगी सुभाष परब के लिए यूएई से प्रत्यर्पण की मांग की गई है। नीशल के लिए बेल्जियम और परब के लिए मिस्र से भी प्रत्यर्पण की मांग की गई है।
Last Updated Dec 21, 2018, 5:33 PM IST