नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों के दिन लदने वाले हैं। सरकार अब प्रदूषण मुक्त ईलेक्ट्रोनिक वाहनों को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए केन्द्रीय सड़क और परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने गाड़ियों के पंजीकरण शुल्क(रजिस्ट्रेशन फीस) में भारी बढ़ोत्तरी की तैयारी कर रहा है। 

पंजीकरण शुल्क(रजिस्ट्रेशन फीस) में भारी बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव
मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक नई पेट्रोल या डीजल कार के रजिस्ट्रेशन में कम से कम 5,000 रुपये की बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके अलावा पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण कराना बहुत महंगा हो सकता है। प्रस्ताव के मुताबिक पुरानी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने पर 10 हजार रुपये फीस चुकानी पड़ सकती है, जो कि फिलहाल केवल 600 रुपये है।

दोपहिया वालों को भी नहीं है राहत 
नए दोपहिया वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस को 50 रुपये से लेकर एक हजार रुपये करने का प्रस्ताव है, जबकि पुराने दोपहिया वाहनों के नवीनीकरण की फीस 2,000 तक हो सकती है। इसके अलावा प्राइवेट टैक्सियों का पंजीकरण शुल्क 10 हजार और नवीनीकरण शुल्क 20 हजार रुपये तक किया जा सकता है। फिलहाल यह फीस एक हजार रुपये है।
 
डीजल पेट्रोल गाड़ियों की संख्या कम करना चाहती है सरकार
नए प्रस्तावों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार सड़क पर पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की संख्या कम करना चाहती है। क्योंकि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों को अब बढ़ावा देने की योजना है। जिसका रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण मुफ्त में होगा। हालांकि इसे अभी तत्काल रूप से लागू नहीं किया जाएगा।

विदेशी गाड़ियों का शौक पड़ेगा ज्यादा महंगा
विदेश से आयातित नए दोपहिया वाहनों पर पंजीकरण शुल्क 2,500 रुपये से बढ़ा कर 20,000 रुपये किया जा सकता है। नई आयातित कारों पर 20,000 रुपये और पुरानी आयातित कारों पर 40,000 रुपये का पंजीकरण शुल्क वसूलने की सरकार की योजना है। 

सड़क से हटेंगी पुरानी गाड़ियां 
सड़क परिवहन मंत्रालय के नए प्रस्ताव के मुताबिक 15 साल पुरानी कार रखने वाले को अब हर छह माह में वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराना पड़ेगा, जबकि पहले यह एक साल में करना होता था। इसमें देरी होने पर रोजाना 50 रुपए की दर से जुर्माना लगाया जाएगा।