सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एलजी बनाम दिल्ली सरकार मामले में दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा है। आज सुप्रीम कोर्ट ने छह मामलों में से चार मामलों में अधिकार केन्द्र सरकार को दिए हैं जबकि दो मामलों में दिल्ली सरकार को अधिकार दिए हैं। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि केन्द्रीय सेवाओं के अफसरों के ट्रांसफर के अधिकार केन्द्र सरकार को दिया है जबकि दिल्ली में जमीनों के रेट तय करने का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया है।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार और एलजी के बीच अधिकारों के लेकर चली लड़ाई सुप्रीम कोर्ट पहुंची। दिल्ली सरकार ने केन्द्रीय सेवाओं के अफसरों के ट्रांसफर के अधिकार को अपने पास रखने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की थी। आज सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एके सीकरी की अगुवाई वाली बेंच अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने संयुक्‍त सचिवों से ऊपर के पदों के तबादले और पोस्टिंग का अधिकार एलजी को दिया है जबकि अन्य पदों का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर किसी के ट्रांसफर को लेकर कोई विवाद होता है तो एलजी का फैसला सर्वोपरि होगा।

वहीं कोर्ट ने दानिक्स सेवा के अफसरों के लिए भी अपना फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्‍ली सरकार अफसरों के ट्रांसफर की फाइल एलजी को भेजे और वह इस पर अपना फैसला लेंगे। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने यह मामला उठाया गया था। तभी ये उम्मीद की जा रही थी कि इस हफ्ते तक इस पर फैसला आ सकता है। आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार और एलजी के बीच सर्विसेज, एंटी करप्शन ब्रांच आदि पर गतिरोध दूर हो गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने एलजी के अधिकार क्षेत्र में सर्विस मैटर, पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और लैंड से जुड़े मामले रखे गए हैं। उधर एलजी की ओर से दलील दी गई थी कि उन्हें केंद्र से अधिकार दिए हुए हैं। दिल्ली के एलजी की पावर बाकी राज्यों के गवर्नर से अलग है। संविधान के तहत उन्हें विशेषाधिकार मिला है।