विशेष दर्ज की मांग को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आंध्र भवन में आठ घंटे के धरने में बैठ गए है। ऐसा माना जा रहा है कि केन्द्र पर दबाव बनाने के लिए कई अन्य दलों के नेता भी इस धरने में आकर नायडू को समर्थन दे सकते हैं। फिलहाल नायडू अपने मंत्रियों, पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ धरना पर हैं। नायडू पहले केद्र की एनडीए सरकार में सहयोगी रह चुके हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली स्थित आंध्र प्रदेश भवन में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है। नायडू का आरोप है कि सरकार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। नायडू कुछ समय पहले तक केन्द्र की एनडीए सरकार में सहयोगी रह चुके हैं। आज धरने से पहले नायडू ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद वह दिल्ली में आंध्र प्रदेश भवन में राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे। नायडू ने आज सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक आंध्र भवन में भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं और इसके बाद वह कल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। 

नायडू के साथ उनके मंत्रि, पार्टी के विधायकों, एमएलसी और सांसदों के साथ धरना देंगे। वहीं राज्य कर्मचारी संघों, सामाजिक संगठनों और छात्र संगठनों के सदस्य भी इसमें शामिल होंगे। असल में टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अपने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं, इसके लिए अपने समर्थकों को लाने के लिए टीडीपी ने दो ट्रेनें भी बुक कराई हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि धरने में उनके साथ नेशनल कांफ्रेस के फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी देंगे।