नेशनल डेस्क। इसरो ने 23 अगस्त को इतिहास रच दिया है। हर हिंदुस्तानी का सपना पूरा हुआ। बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया है। भारत ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है। इस पल के गवाह खुद पीएम मोदी बने। जिन्होंने साउथ अफ्रीका के जोह्सनबर्ग से लैंडिंग कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने इसरो के इस मेहनत पर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। साथ ही इस भावुकता और आनंद से भरे इस पल के लिए 140 करोड़ जनता को बधाई दी है। 

आइए जानते हैं कि अब तक चंद्रयान-3 मिशन को लेकर क्या-क्या हुआ?


 6 जुलाई को इसरो ने दी चंद्रयान-3 की जानकारी

छह जुलाई को ISRO ने बताया  कि 14 जुलाई,2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जाएगा।


11 जुलाई को लॉन्चिंग रिहर्सल
11 जुलाई तक ISRO ने लॉन्चिंग की पूरी तैयारी कर ली। इसके बाद चंद्रयान-3 की 'लॉन्च रिहर्सल'की गई।


14 जुलाई को लॉन्च हुआ चंद्रयान-3  
 चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 'बाहुबली रॉकेट' लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) से लॉन्च किया गया। 16 मिनट बाद ही रॉकेट न चंद्रयान को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया।


5 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया। 6 से 16 अगस्त के बीच इसे चंद्रमा की कक्षा के और नजदीक लाने की कोशिश की गई।


17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर अलग
चंद्रमा की कक्षा से 153kmx163km की दूरी पर प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर को अलग हो गया।


18 अगस्त को डीबूस्टिंग से लैंडर को चांद के करीब लाया गया

डीबूस्टिंग के बाद लैंडर को चांद की कक्षा के और करीब लाया गया। अब चंद्रमा से इसकी सबसे कम दूरी 25 किलोमीटर रह गई।


20 अगस्त को कम की गई लैंडर की स्पीड 

चांद पर लैंडर को उतारने से पहले एक बार फिर डीबूस्टिंग के जरिए लैंडर मॉड्यूल की स्पीड को कम किया गया। 


23 अगस्त को चांद पर लैंडिंग
 23 अगस्त को बुधवार को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर मॉड्यूल की चांद पर लैंडिंग होगी। 

 

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