नेशनल डेस्क। चंद्रयान-3 इतिहास रचने के बेहद करीब पहुंच चुका है। हर कोई मिशन के सफल होने की प्रार्थना कर रहा है। चंद्रयान-3 को बनाने में भारतीय वैज्ञानिको ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। उन्हीं में से एक राकेश नैय्यर। एक तरफ जहां राकेश नय्यर ने चंद्रयान-3 को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है, तो दूसरी तरफ वह कैंसर मरीजों के चेहरों पर मुस्कान की वजह बने हुए हैं। उनके द्वारा किया कार्य कैंसर रोगियों का हर दिन रोशन कर रहा है और इस बीमारी से लड़ने की ताकत दे रहा है।

 

कैंसर मरीजों के चेहरे पर मुस्कान ला रहे राकेश 

दरअसल, राकेश नय्यर बंगलुरू स्थित किदवई कैंसर अस्पताल में कैंसर पीड़ित मरीजों को चाय बांटते हैं। मरीजों की सुबह राकेश नय्यर की चाय के साथ होती है। 'मिशन चाय' 100 लोगों को चाय बांटने की मुहिम के साथ शुरू हुआ था जो आज 1500 मरीजों तक पहुंच गया है। राकेश मरीजों को बादाम मिल्क, चाय, बिस्कुट और फल बांटते हैं। जिसकी कुल लागत 2500 रुपए के करीब है। ज्यादा जानकारी देते हुए राकेश नय्यर बताते हैं कि उन्हें लोगों को चाय पिलाना अच्छा लगता हैं और इन लोगों की आशीर्वाद से ही आज चंद्रयान सफलता पाने की दहलीज पर खड़ा है। 

 

इस घटना ने राकेश नय्यर को किया प्रभावित

कैंसर अस्पताल में चाय बांटने का ख्याल राकेश को यूं ही नहीं आया। कुछ साल पहले पंजाब के अमृतसर में राकेश के ससुर भर्ती थे वह गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और दर्द से कराह रहे थे। इस दौरान उनके ससुर के पास एक वृद्ध महिला पहुंची और उसने उनके ससुर को चाय की पेशकश की और बीमारी से लड़ने के लिए हिम्मत दी जिसके बाद उन्होंने उनके ससुर के चेहरे पर खुशी का भाव देखा। बस ये वही पल था जिसने राकेश को लोगों में चाय बांटने को प्रेरित किया। 

 


 

2016 में की थी इस काम की शुरुआत 

राकेश ने चाय बांटने के लिए बेंगलुरू के किदवई अस्पताल से इसकी शुरुआत की और अब ये यात्रा संजय गांधी अस्पताल, हैदराबाद के एमएनजी हॉस्पिटल तक पहुंच गई है। बता दें, 16 अगस्त 2016 को शुरू हुई मिशन चाय ने सात साल पूरे कल लिए हैं। वहीं इस काम में उनका साथ चंद्रयान-3की कंट्रोल टीम में शामिल महिला वैज्ञानिक मंजुला समेत अन्य दोस्त भी दे रहे हैं। राकेश ने बताया कि हमेशा उनके दोस्तों ने इस काम को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। 
 

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