लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जनादेश के बाद नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। 30 मई को दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथग्रहण करने जा रहे नरेंद्र मोदी ने यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की जीत में गुणा-भाग, गणित से ज्यादा केमिस्ट्री है। पीएम ने जीत का श्रेय देश की जनता और कार्यकर्ताओं को दिया और जाति की राजनीति करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, देश की राजनीति में हमें अछूत समझा जाता है, जबकि हकीकत यह है कि पूरे देश में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। 

पीएम ने कहा, 'चुनाव परिणाम एक गणित होता है, 20वीं सदी के चुनावों के हिसाब-किताब भी गणित और अंकगणित के दायरे में चले होंगे। लेकिन देश के राजनीतिक जानकारों को मानना होगा कि गणित के आगे भी एक केमिस्ट्री होती है। देश में समाज शक्ति की केमिस्ट्री, आदर्शों और संकल्पों की केमिस्ट्री किसी भी अंकगणित को पराजित कर सकती है।' 

उन्होंने कहा कि राजनीतिक पंडितों को सोचना पड़ेगा कि धारणाएं बनाने वाली कोशिशों को भी पारदर्शिता और परिश्रम से हराया जा सकता है। पीएम ने कहा, 'हमारे लिए भी पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। हम लोगों को लगता है कि सरकार और संगठन के बीच में तालमेल बहुत बड़ी ताकत होती है। बीजेपी ने सफलतापूर्वक इसे साकार किया है। सरकार नीति बनाती है और संगठन रणनीति बनाता है। नीति और रणनीति का तालमेल सरकार और संगठन के तालमेल का प्रतिबिंब होता है।' 

उन्होंने कहा, 'जो स्नेह और शक्ति मुझे काशी ने दी है, वैसा सौभाग्य शायद ही किसी को मिला हो। यहां लोगों ने एक प्रकार से चुनाव को लोकोत्सव बना दिया। यहां अपनत्व का भाव बहुत ज्यादा था। दूसरे दलों के जो साथी मैदान में थे, उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। मैं सार्वजनिक रूप से अन्य उम्मीदवारों को धन्यवाद करूंगा। मैं मीडिया जगत के साथियों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं। यहां जब कार्यकर्ताओं से मिलना हुआ था, तो मैंने कहा था कि भले ही नामांकन एक नरेंद्र मोदी का हुआ होगा, लेकिन चुनाव लड़ने का काम हर घर के नरेंद्र मोदी ने किया। इस पूरे चुनाव अभियान को आपने बेहतर ढंग से चलाया। इस प्रकार का चुनाव होता है तो लगता है कि अब तो जीतने ही वाले हैं। मैं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय से नहीं तोला और इसे लोक शिक्षा का पर्व माना।' 

पीएम मोदी ने कहा, शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव में और नतीजों के समय इतना निश्चिंत होता होगा जितना मैं था। इस निश्चिंतता का कारण मोदी नहीं था, इसका कारण आप सब का परिश्रम और विश्वास था। नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था, इसलिए केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था।

पीएम ने कहा, 'यहां की बेटियों ने जो स्कूटी निकाली उसकी सारे देश में चर्चा है, यहां की बेटियों ने पूरी काशी को अपने सिर पर ले लिया था। आज कोई रोड शो नहीं था, लेकिन फिर भी लोग सड़कों पर अपना आशीर्वाद देने पहुंचे। आज मैं भले ही काशी से बोल रहा हूं, लेकिन पूरा उत्तर प्रदेश अभिनंदन का अधिकारी है। आज यूपी लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है। यूपी ने 1977 में सभी बंधन तोड़कर देश को दिशा दी थी। लेकिन 2014, 2017 और 2019 की हैट्रिक छोटी नहीं है। यहां के लोग भारत के भविष्य की दिशा तय भी करते हैं। यूपी के 2014, 2017 और 2019 के चुनावों ने देश को व्यवस्था में बदलाव के दर्शन कराए हैं। अब भी राजनीतिक पंडितों की आंख नहीं खुलती हैं तो इसका मतलब है कि उनकी सोच 21वीं सदी की नहीं बल्कि पुरानी की सदी की है।'