रायपुर/नई दिल्ली- अमित शाह की मौजूदगी में घनाराम साहू भाजपा का दामन थामेंगे। तीन बार विधायक रहे घनाराम साहू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस आलाकमान को भेज दिया है। उन्होंने पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और सांसद ताम्रध्वज साहू पर संगीन आरोप लगाए हैं।

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घनाराम साहू ने दोनों नेताओं पर प्रताड़ित करने और साहू समाज को उपेक्षित करने का आरोप लगाया है।

 अपने पत्र में घनाराम साहू ने कहा है कि वह पांच साल से पार्टी के उपाध्यक्ष है, लेकिन उनकी कोई पूछ परख नहीं होती ना ही उन्हें कोई जिम्मेदारी दी गयी है।

ताम्रध्वज साहू पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दुर्ग ग्रामीण से एक महिला प्रत्याशी का बी फार्म काटकर खुद उनकी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। घनाराम साहू ने कहा कि कभी भी पार्टी की तरफ से उनसे किसी भी तरह की कोई बात नहीं की गयी। यहां तक उनसे पूछा तक नहीं किया गया है।

साहू समाज के दिग्गज नेताओं में एक घनाराम साहू ने कहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा भूपेश बघेल को भेज दियाहै। वो कांग्रेस में नहीं रहना चाहते हैं।

कौन हैं घनाराम साहू? 

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दो बार अविभाजित दुर्ग, जिसमें बालोद और बेमेतरा जिला भी शामिल था, अध्यक्ष रहे हैं। साहू 1972 में निर्दलीय चुनाव जीते थे। हालांकि वो 2003 और 2008 में गुंडरदेही क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हार गए। साहू समाज में घनाराम साहू की गहरी पैठ बतायी जाती है। वो कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भी लंबे समय से हैं। 2018 में वो कांग्रेस से गुंडरदेही से टिकट मांग रहे थे।