नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को जेल का खाना रास नहीं आ रहा है। लिहाजा उन्होंने कोर्ट से घर का खाना मंगाने की अनुमति मांगी है। चिदंबरम 21 अगस्त से जेल में बंद हैं और अभी तक वह आम कैदियों की तरह जेल का ही खाना खा रहे हैं। हालांकि इस मामले में कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा।

आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। चिदंबरम को जेल में आम कैदियों को दी जाने वाली सहूलियतें दी जा रही है। इसी के तहत उन्हें जेल का खाना दिया जा रहा है। लेकिन अब चिदंबरम को जेल का खाना रास नहीं आ रहा है। लिहाजा उन्होंने कोर्ट में इसके लिए अपनी याचिका दायर की है। जिसके तहत उन्हें न्यायिक हिरासत में घर का खाना खाने की अनुमति दी जाए। जेल नियमों के मुताबिक चिदंबरम को जेल में रोटी, सब्जी, दाल चावल दिया जाता है।

आर्थिक अपराधी होने के कारण उन्हें अन्य कैदियों के साथ नहीं रखा गया है। हालांकि इसी जेल में उनके साथी और कर्नाटक के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार भी बंद हैं। हालांकि इस मामले की सुनवाई अब कोर्ट 3 अक्टूबर को करेगी। गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया। चिदंबरम ने कोर्ट में जमानत याचिक दाखिल की थी। जिस पर सीबीआई ने विरोध किया और कहा कि वह सक्षम व्यक्ति हैं और देश छोड़कर जा सकते हैं।

चिदंरबम को सीबीआई ने उनके घर से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें सीबीआई के गेस्ट हाउस में रखा गया था। जहां से बाद में उन्हे तिहाड़ जेल भेज दिया गया। तब से चिदंबरम तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। हालांकि चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत याचिका दाखिल की थी। लेकिन कोर्ट ने उन्हें जमानत नहीं दी।