इससे पहले कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए संसद द्वारा एक्ट में बदलाव पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। 
अब एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका और कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए कानून में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक साथ नई बेंच सुनवाई करेगी। नई बेंच का गठन मुख्य न्यायाधीश की बेंच करेगी। 

जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस ललित की बेंच ने इस मामले में फैसला दिया था।  जस्टिस गोयल के रिटायर होने के बाद पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के लिए जस्टिस ललित के साथ नए बेंच का गठन होगा। 

पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि अभियुक्तों को अग्रिम जमानत से वंचित करने वाली कानून की धारा 18 a संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नही करता है। 

याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग की गई है। पिछले दिनों सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च 2018 के फैसले को निरस्त करने के लिए अगस्त में  एससी एसटी एक्ट में संशोधन कर दिया था। इस संशोधन को कोर्ट में चुनौती दी गई है। 

इससे पहले सात सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट में संसद द्वारा किये गए संशोधनो पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। याचिकाकर्ताओ ने संशोधन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है।