नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन भारत के खिलाफ लगातार साजिश कर रहा है और अब उसकी चाल उसके लिए उल्टी पड़ रही है। लद्दाख में भारत को घेरने की साजिश कर रहे चीन की मुश्किलें भारत ने बढ़ा दी है। भारत ने चीन को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है। अब भारत को चीन के खिलाफ कई देशों का समर्थन मिला है। चीन अब अलग थलक पड़ा जा रहा है। दुनिया भर में कोरोना संकट के बाद दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर, हांगकांग से लेकर लद्दाख तक चीन को घेरने की कोशिशें तेज हो गई है। इससे चीन बौखला गया है।

असल में चीन ने भारत के अक्साई चिन पर कब्जा किया है और वहीं वह लद्दाख के कई इलाकों, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र पर भी अपना दावा करता है और इस पर कब्जा करने साजिशें लगातार कर रहा है। चीन भूटान से लेकर डोकलाम क्षेत्र पर कब्जा जताना चाहता है। लिहाजा उसके साथ 2017 से लगातार विवाद चल रहा है। 2017 में भारत का चीन के साथ सीमा विवाद 73 दिनों तक चला था। लेकिन भारत ने चीनी साजिश को नाकाम कर दिया था।

वहीं चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के कारण नेपाल के उत्तरी जिले गुमला, रासुवा, सिंधुपालचौक और संखुवासभा की सैकड़ों किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर चुका है। हालांकि नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार इस पर खामोश है और वह नेपाल जनता की आवाज को दबा रही है। वहीं पाकिस्तान गुलाम कश्मीर की सैकड़ों वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को दे चुका। जबकि वह अब भारत के खिलाफ आक्रामक रूख दिखाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।

जबकि भारत के बहादुर  जवानों ने लद्दाख के पैंगोंग सो, हॉट स्प्रिंग, घोघरा, डेपसांग इलाकों में चीन की इस साजिश को पूरी तरह से नाकाम कर दिया है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को दोनों पक्षों के बीच भीषण संघर्ष के बाद चीन दुनिया के सामने बेनकाब गया है। क्योंकि भारत के बीस शहीद सैनिकों ने चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया था और इसकी चर्चा दुनिया भर में है। हालांकि चीन ने अभी तक इसका खुलासा नहीं किया है कि उसके कितने सैनिक मरे। हालांकि पिछले दिनों कई सैनिकों के शव को दफनाया गया था और कहा जा रहा है कि ये चीन के वही सैनिक हैं। जिन्हें भारत के सैनिकों ने मार गिराया था।