नई दिल्ली। पाकिस्तान के आका चीन उसे धोखा देने से भी बाज नहीं आया है। चीन ने पाकिस्तान को ऐसा धोखा दिया है। असल में चीन ने पाकिस्तान को जो पोलियो मार्कर सप्लाई की है, वह दोयम दर्ज की है और पोलियो ड्राप बच्चो को पिलाने के बाद इस मार्कर को लगाया जाता है और इससे बच्चे की पहचान होती है कि उसने इसे पिया है नहीं। लेकिन चीन ने जो मार्कर पाकिस्तान को सप्लाई किए हैं, वह दोयम दर्जे हैं। इससे पाकिस्तान के बच्चे अपाहिज हो रहे हैं। क्योंकि कट्टरपंथी मुस्लिम पाकिस्तान में बच्चों को पोलियो ड्राप की वैक्सीन नहीं पिलाते हैं। अब पाकिस्तान ने भारत से मार्कर को आयात करने का फैसला किया है।

पाकिस्तान की इमरान खान नियाजी की सरकार अब भारत से पोलियो  वैक्सीन पिलाने के दौरान बच्चों के हाथ में लगाए जाने वाले मार्कर को  खरीदेगी। क्योंकि उसके आका चीन ने उसे धोखा दिया है और चीन से पाकिस्तान को दोयम दर्जे के मार्कर निर्यात किए हैं। यही नहीं भारत की तुलना में चीन से आयातित मार्कर की कीमत ज्यादा है। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन कार्यकर्ताओं के सामने सबसे बड़ी दिक्कत ये आ रही है कि उन्हें नहीं मालूम चलता है कि किस बच्चे को वैक्सीन पिलाई गई और किसे नहीं।

क्योंकि ये मार्कर कुछ ही समय में गायब हो जाता है। जिसके कारण पाकिस्तान में बच्चे अपाहिज हो रहे हैं। लिहाजा अब पाकिस्तान ने भारत से इस मार्कर को खरीदने का फैसला किया है। असल में विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पाकिस्तान में पोलियो को लेकर काफी गंभीर है। क्योंकि पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुस्लिम पोलियो की वैक्सीन बच्चों को नहीं पिलाते हैं। इन कट्टरपंथियों का कहना है कि वैक्सीन को पीने से बच्चे नपुंसक हो जाते हैं। वहीं पाकिस्तान सरकार देश में पोलियो उन्मूलन की कोशिश कर रही है।

फिलहाल इमरान खान सरकार ने भारत से इस  मार्कर को आयात करने का फैसला किया है। हालांकि पाकिस्तान ने भारत से सभी तरह के व्यापारिक रिश्तों को तोड़ दिया था लेकिन एक बार फिर उसे भारत का दरवाजा खटखटना पड़ रहा है। कुछ समय पहले ही भारत ने पाकिस्तान को रैबीज के वैक्सीन निर्यात किए थे। क्योंकि पाकिस्तान में इस वैक्सीन की कमी हो गई थी और यूरोपीय देशों से इस वैक्सीन को आयात करने में इसकी कीमत 50 रुपये थी जबकि भारत से यही वैक्सीन आयात करने में 1 हजार की कीमत आ रही थी।