पूरे विश्वभर में अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था का डंका बनाने वाले चीन की अर्थव्यवस्था नीचे की तरफ जा रही है. चीन की अर्थव्यवस्था पिछले 28 सालों के निचले स्तर पर आ गयी है. यह विकास दर अपने निम्न स्तर पर होने के कारण चीन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. वहीं भारत की अर्थव्यवस्था चीन की तुलना में सुधरी है.

चीन की तरफ जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था साल 2018 में 6.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है और यह उसके करीब तीन दशक की सबसे धीमी आर्थिक वृद्धि दर है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिका के साथ व्यापार मोर्चे पर जारी तनाव और निर्यात में गिरावट इसकी वजह मानी जा रही है. पिछले साल दिसम्बर तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.4 फीसदी रही, जो कि इससे पहले की तिमाही में 6.5 फीसदी थी.यानी महज तीन महीने के दौरान इसमें .1 फीसदी की कमी दर्ज की गयी. हालांकि आर्थिक वृद्धि के आंकड़े पूर्व में लगाए गए अनुमानों के अनुरूप ही हैं लेकिन यह चीन की आर्थिक वृद्धि दर के कमजोर पड़ने का संकेत देते हैं.

 सरकार के मुताबिक जारी आंकड़ों के मुताबिक चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 6.6 प्रतिशत रही. यह साल 2017 की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत से भी कम है. पिछले तीस सालों में चीन की ये सबसे कम आर्थिक वृद्धि दर है. 1990 में चीन की आर्थिक वृद्धि की दर 3.9 प्रतिशत थी. चीन की अर्थव्यवस्था के करीब 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का लक्ष्य रखा गया था. असल में अमेरिका और चीन के बीच साल 2018 की शुरुआत से व्यापार मोर्चे पर तनाव जारी है. दोनों ने एक-दूसरे से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाया हुआ है.अमेरिका से व्यापारिक तनाव है इस गिरावट की वजह वर्ष 1990 में 3.9 फीसद थी चीन की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 1990 के बाद से अब तक का यह न्यूनतम स्तर है.